इंदौर। आने वाले समय में टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल मुंबई और अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में प्रोटोन बीम के जरिये कैंसर का इलाज होगा। इसमें एक्सलरेटर तकनीक का उपयोग किया जाएगा। आरआर कैट आए भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. आर. चिदंबरम ने इस तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक्सलरेटर का उपयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ाने की जरूरत है। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. फखरुद्दीन ने बताया कि प्रोटोन बीम से रेडिएशन देने पर इलाज की गुणवत्ता अधिक अच्छी होती है। इसमें रेडिएशन का असर उसी जगह होता है जहां कैंसर सेल होते हैं। यदि पेट में कैंसर है और वहां प्रोटोन बीम से कीमो थैरेपी की जाए तो वह केवल उसी जगह असर डालेगी जहां कैंसर सेल होंगे। इसका असर किडनी पर नहीं होगा। फिलहाल इलेक्ट्रॉन से कीमो थैरेपी की जाती है जिससे कैंसर सेल तो जलते हैं लेकिन अच्छे सेल भी नष्ट हो जाते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। प्रोटोन बीम से इलाज करने पर ऐसा नहीं होगा। बहरहाल अमेरिका जैसे विकसित देशों में इस तकनीक से कैंसर का इलाज हो रहा है। भारत में पहली बार इसका उपयोग होगा।