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सबसे पूछ कर तय किया था महापौर

Jan 28, 2015

motilal voraदुर्ग। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्मंत्री तथा एआईसीसी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने कहा कि दुर्ग में महापौर पद का टिकट सबकी सहमति से ही दिया गया था। उन्होंने इन बातों को गलत बताय कि अंतिम समय पर महापौर प्रत्याशी बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि कई लोगों को टिकट की उम्मीद होती है, किन्तु हर उम्मीद पूरी हो यह जरूरी नहीं। श्री वोरा पद्मनाभपुर निवास पर संडे कैम्पस से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुर्ग सीट हम क्यों हारे, इसके कारणों की समीक्षा की जाएगी। इतने बड़े परिवार में थोड़ा बहुत असंतोष तो होता ही है, नाराजगी दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। आगे पढ़ें
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। उनकी सोच सकारात्मक है तथा उनकी ऊर्जा एवं अनुभव का लाभ लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पार्टी एकजुट है और हम इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। स्थानीय निकाय चुनावों में जनता ने इसकी झलक दिखा दी है, पंचायत चुनावों के परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में होंगे और सरकार को भी सबक सिखा देंगे।
केन्द्र और राज्य सरकार को फरेबी और जनविरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकारें झूठे वादों की नींव पर खड़ी हैं। इधर चुनाव जीतने के लिए पहले थोक में राशन कार्ड बनवा दिए गए और अब उन्हें निरस्त किया जा रहा है। आम जनता इससे बेहद परेशान है और उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देगी और उन्हें न्याय दिलाएगी। केन्द्र की मोदी सरकार को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में जब सीमा पर हमले होते थे तो भाजपा कहती थी कि किसी ने एक भारतीय सैनिक का सिर कलम किया तो हम 11 पाकिस्तानियों का सिर कलम करेंगे। आज लगभग प्रतिदिन सीमा पर आक्रमण हो रहे हैं। पाकिस्तान ने अघोषित युद्ध छेड़ रखा है पर कोई चूं-चापड़ तक नहीं कर रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सरकार की कथनी और करनी में फर्क है और जल्द ही देशवासियों के सामने इनका सच आ जाएगा।
सिर्फ कह देने से क्या होगा
वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता ने कहा कि यह सरकार केवल बातें बनाती हैं। सिर्फ घोषणाएं करती हैं जबकि उसे पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं होता। सरकार ने कह दिया कि प्रत्येक सांसद एक गांव को गोद लेगा और उसे आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करेगा किन्तु हम पूछते हैं कि क्या गोद लेने भर से ग्राम आदर्श हो जाएगा। प्रत्येक गांव में दर्जनों काम पेंडिंग खाते में हैं। इन्हें पूरा कराने के लिए धन राशि चाहिए। वह कहां से आएगा। क्या केंद्र सरकार ने इसकी भी कोई व्यवस्था की है। यदि की है तो वह सांसदों के साथ-साथ इसकी जानकारी देशवासियों को भी दें ताकि लोगों को पता तो चले कि कथनी और करनी में फर्क कितना है।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाएं
श्री वोरा ने कहा कि देश का किसान किन हालातों में जा रहा है, इससे किसी का कोई वास्ता नहीं है। किसानों को खेतों में अनाज उपजाने से लेकर उसे संग्रहित करने या बेचने में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, भाजपा सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है। आज किसानों की जरूरतों को पूरा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है।

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