विद्याथिर्यों को सदैव ऊंचा लक्ष्य रखना चाहिये। लक्ष्य प्राप्ति हेतु दिशा युक्त प्रयास से ही हमें सफलता मिल सकती है। ये उद्गार पूर्व प्राचार्य, शिक्षाविद् एवं छत्तीसगढ़ हायर एजुकेशन काऊंसिल के सदस्य प्रो. नरेन्द्र प्रसाद दीक्षित ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में व्यक्त किये। प्रो. दीक्षित ने उपस्थित विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे बाजार में उपलब्ध स्तरहीन शॉटकर्ट नोट्स से सदैव दूरी बनाये रखें तथा स्वयं मेहनत कर नोट्स तैयार करें। विद्यार्थियों का शालीन व्यवहार एवं विषय को समझने की विश्लेषणात्मक क्षमता ही किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्ति का मूलमंत्र है। read more
सेक्टर-4 भिलाई स्थित लक्ष्य अकादमी के संचालक संतोष परांजपे ने छत्तीसगढ़ अंचल के विद्यार्थियों की प्रतिभा एवं दक्षता पर कहा कि यहां के विद्यार्थी प्रतिभाशाली होने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में अपेक्षित संख्या में सफल नहीं हो पा रहें, इसका मुख्य कारण इन विद्यार्थियों में आत्म विश्वास की कमी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सीमित समय में ज्यादा सही उत्तर देने संबंधी तकनीक पर भी श्री परांजपे ने अपने विचार रखें।
आमंत्रित व्याख्यान की श्रृंखला में भूगोल के प्राध्यापक डॉ. एस.के दास ने विद्यार्थियों को यूपीएससी एवं पीएससी की परीक्षाओं में तैयारी के अंतर को विस्तार से समझाया। डॉ दास ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों को हल करने हेतु विषय का गहन अध्ययन अति आवश्यक है। सीमित समय में प्रश्न हल करने हेतु विद्यार्थियों को टाइम मैंनेजमेंट का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए वर्ना अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं।
साइंस कालेज से ही शिक्षा प्राप्त एवं राष्ट्रीय स्तर की नेट/स्लेट परीक्षा उत्तीर्ण छात्र गणेश नेताम ने भी अपने अनुभव साझा किए। श्री नेताम ने बताया कि प्रारंभिक दौर में लक्ष्य पाना कठिन लगता है परंतु हमारी कड़ी मेहनत, ईमानदारी, दिशा युक्त प्रयास एवं प्राध्यापकों के मार्गदर्शन से हम आसानी से लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। नेट परीक्षा में सफलता हेतु प्रेरित करने वाले प्राध्यापकों के प्रति भी नेताम ने कृतज्ञता ज्ञापित की।
कैरियर गाइडेंस पर आधारित व्याख्यान को प्रासंगिक बताते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने बताया कि आगामी शिक्षण सत्र में विद्यार्थियों को और अधिक रोजगार दिलाने एवं अधिक संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्ति के उद्देश्य से महाविद्यालय में अनेक सार्थक प्रयास किए जाएंगे। इनमें कैंपस इंटरव्यू का आयोजन, नेट/स्लेट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं संबंधी कोचिंग तथा महाविद्यालय ग्रंथालय में प्रतियोगी परीक्षाओं संबंधी पुस्तकों एवं अन्य पाठ्यसामग्री का क्रय प्रमुख है। धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूसी की संयोजक डॉ नीरजा रानी पाठक ने किया।