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तीन साल का उच्च शिक्षा रोड मैप तैयार

Jun 28, 2015

Dr Sushil Chandra Tiwariदुर्ग। दुर्ग जिले में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता विकास संबंधी आगामी तीन वर्षों हेतु रोड मैप तैयार किया गया है। इस संबंध में गहन विचार विमर्श हेतु शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय में रूसा के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में दुर्ग जिले के समस्त शासकीय, अनुदान प्राप्त, निजी कुल 44 महाविद्यालयों के प्राध्यापक प्रतिनिधियों, आईक्यूएसी समन्वयकों, प्राचार्यों ने विचार मंथन किया। अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य दुर्ग जिले में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता विकास हेतु अनेक बहुमूल्य कदम उठाये जाने पर समस्त प्रतिभागियों ने सहमति प्रकट की। Read More
durg science college, dr radha pandeyसभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में राज्य स्तर पर विद्यार्थियों हेतु मॉडल उत्तर बनाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने, बाजार में उपलब्ध निम्न कोटि की पाठ्य सामग्री, गैस पेपर के विद्यार्थियों द्वारा बढ़ते उपयोग को हतोत्साहित करने तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रत्येक महाविद्यालय में नियमित रूप से बौद्धिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों पर बल दिया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में तीन विभिन्न समूहों में विभक्त प्राध्यापकों के समूह लीडर ने अपने-अपने समूहों द्वारा व्यक्त सुझावों को उल्लेखित किया। शासकीय महाविद्यालय के प्रतिभागियों के समूह का नेतृत्व करते हुए प्रो. सियाराम शर्मा ने प्रत्येक महाविद्यालय में एनसीसी, एनएसएस को अनिवार्य किए जाने, उत्कृष्ट शोध करने वाले प्राध्यापकों को पुरस्कृत करने तथा शासन द्वारा अपने स्तर पर शोध पत्रिका प्रकाशित करने की बात पर जोर दिया गया। डॉ शर्मा ने ग्रामीण अंचलों में लिंग भेद की भावना को समाप्त करने तथा महापुरुषों की जयंती मनाने एवं वृक्षारोपण के पश्चात उनकी सही देखभाल की आवश्यकता भी प्रतिपादित की।
शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्रतिभागियों का नेतृत्व करते हुए डॉ सुषमा मेने ने फैकल्टी विकास हेतु यूजीसी द्वारा पर्याप्त राशि की उपलब्धता, बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत करने, विद्यार्थियों की लेखन क्षमता विकसित करने हेतु प्रति सप्ताह निबंध प्रतियोगिता का आयोजन, विद्यार्थियों को विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने हेतु परामर्श केन्द्र की स्थापना, फीड बैक प्राप्त करने तथा इन्टर क्लास स्पर्धाओं के आयोजन पर भी इस समूह ने बल दिया।
निजी महाविद्यालयों के प्राध्यापकों द्वारा व्यक्त विचारों को डॉ देशबंधु तिवारी ने व्यक्त किया। उनके अनुसार पाठ्यक्रम में व्यवहारिक ज्ञान शामिल करने, प्रेरक व्यक्तित्व का महाविद्यालय में आमंत्रित व्याख्यान करने, भाषा विकास हेतु प्रशिक्षण कक्षाएं चलाने तथा महाविद्यालयों में उपलब्ध अच्छे प्राध्यापकों के ज्ञान का लाभ अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को दिलवाने हेतु फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम लागू करने से दुर्ग जिले में उच्च शिक्षा के विकास में मदद मिलेगी। इस सत्र का संचालन डॉ ज्योति धारकर ने किया।
कार्यशला में उच्च शिक्षा के रोड मैप बनाने हेतु आधार बिंदुओं की चर्चा करते हुए प्रो. जय प्रकाश साव ने बताया कि उच्च शिक्षा में व्यापक रूप से दृश्य परिवर्तन हुआ है। पूर्व एवं वर्तमान परिदृश्य की चर्चा करते हुए डॉ साव ने तुलनात्मक प्रस्तुति दी। डॉ साव ने बताया कि पूर्व में टेक्नालॉजी साधन थी अज स्वयं साध्य है। शिक्षा नियोजन और रोजगार नियोजन के बीच व्यापक अंतराल है। दुर्ग जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग व एससी, एसटी की बहुलता है। हमें सभी वर्गों के विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के लिये तैयार करना चाहिए। स्वप्रेरण भी आवश्यक है।
उच्च शिक्षा के रोड मैप को तैयार करने के संबंध में पावर पाइंट प्रस्तुतिकरण देते हुए महाविद्यालय आईक्यूएसी के सदस्य डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि रोड मैप का मुख्य आधार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखते हुए विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। डॉ श्रीवास्तव ने अकादमिक विकास, आधारभूत संरचना, स्वस्थ परम्परा एवं शोध कार्यों को बढ़ावा देने संबंधी बिंदुओं पर गहराई से विश्लेषण किया। विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
शासकीय विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव के प्रोफेसर विकास पंचाक्षरी ने क्षमता विकास पर केन्द्रित अपनी प्रस्तुति दी। विद्यार्थियों, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, प्राध्यापकों एवं प्राचार्यों की क्षमता विकास हेतु किये जा सकने वाले प्रयासों का विश्लेषण भी प्रो. विकास ने किया। डॉ विकास ने क्षमता विकास की सहायता से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता विकास की अवधारणा प्रस्तुत की।
आरंभ में डॉ के पद्मावती ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के रूप में शासकीय महाविद्यालय भिलाई-3 की प्राचार्य डॉ राधा पाण्डेय उपस्थित थीं। उद्घोषणा डॉ अंजली अवधिया ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुचित्रा शर्मा ने किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे उच्च शिक्षा के रोड मैप निर्माण को गंभीरता से लें। हमारी गंभीरता उच्च शिक्षा विभाग को नीति निर्धारण में सहायक सिद्ध होगी। अनेक महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर डॉ तिवारी ने असंतोष जाहिर किया। आईक्यूएसी संयोजक डॉ नीरजा रानी पाठक ने रूसा की मंशा एवं दुर्ग जिले के रोड मैप निर्माण संंबंधी महत्वपूर्ण बातों पर टिप्स भी दिए।
आयोजन में डॉ अनुपमा अस्थाना, डॉ शीला अग्रवाल, डॉ एसआर ठाकुर, डॉ सपना शर्मा, डॉ अनिल कश्यप, डॉ एके खान, डॉ ज्योति धारकर, डॉ सुचित्रा शर्मा, डॉ शाहीन गनी, डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी, डॉ के पद्मावती, डॉ एसडी देशमुख का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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