सौ में एक को होता है ब्रेस्ट सारकोमा
भिलाई। बीएसआर कैंसर अस्पताल के चिकित्सकों को एक 42 साल की महिला के ब्रेस्ट में विरल प्रकार का कैंसर मिला है। इस प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ एक प्रतिशत मामलों में ही मिलता है। बीएसआर कैंसर अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ नितिन बोमनवार ने बताया कि आम तौर पर ब्रेस्ट कैंसर के मामले कार्सिनोमा के होते हैं जबकि यह मामला सारकोमा का था। सारकोमा एक-दूसरे से जुड़े टिश्यूज (ऊतकों) में हो जाने वाले घातक ट्यूमरों को कहते हैं और इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ सर्जरी ही है। Read More
डॉ बोमनवार ने बताया कि सारकोमा के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि इसके लक्षण काफी देर से प्रकट होते हैं। जब ट्यूमर का आकार काफी बड़ा हो जाता है और वह अपने आसपास के टिश्यूज, नव्र्स पर दबाव डालने लगता है तब जाकर मरीज अस्वाभाविक महसूस करता है और चिकित्सक के पास पहुंचता है।
ब्रेस्ट में रेयर है सारकोमा
उन्होंने बताया कि आम तौर पर सारकोमा हाथ, पैर, गर्दन आदि में होते हैं। हाथ या पैर में इनके काफी बड़ा हो जाने पर रक्तसंचार रुकने लगता है और कई बार नौबत हाथ या पैर काटने की आ जाती है। ब्रेस्ट में इस प्रकार का कैंसर बहुत कम मिलता है।