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मां शारदा ट्रस्ट ने किया महिलाओं का सम्मान

Jul 17, 2016

dr-santosh-raiभिलाई। माँ शारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने आज 20 महिलाओं का वस्त्र, बर्तन, सफाई के काम आने वाली सामग्री तथा भोजन देकर सम्मान किया। इस अवसर पर ट्विन सिटी के साथ ही राजधानी रायपुर से ट्रस्ट के लोग उपस्थित हुए। ये सभी महिलाएं लोगों के घर में काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि ये महिलाएं हमारे समाज का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं किन्तु कभी ठहर कर हम इनके विषय में सोचने या बिना साप्ताहिक अवकाश के निरंतर हमारा काम करने वालों के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं निकाल पाते। मां शारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने इस कमी को आज पूरा कर दिया।
ma-sharda-samarthya-charitable-trustट्रस्ट के आधार स्तंभ कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय ने बताया कि आरंभ से ही उनका मानना है कि एक सकारात्मक सोच दुनिया को बदल सकती है। सोच को प्रधानता देने की उनकी प्रवृत्ति उनके कार्यक्षेत्र में प्रतिफलित होती है। समाज के बीच रहकर विकास और उन्नति की राह में बहुत पीछे छूट गए इन लोगों के लिए कुछ करने की सोच के साथ ही उन्होंने इस ट्रस्ट की नींव रखी और अल्प समय में ही इससे अनेक लोग जुड़ गए। इस कार्यक्रम में भी पांच नए सदस्य ट्रस्ट में शामिल हुए।
लायन्स क्लब पिनाकल के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लायन्स क्लब पिनाकल की चार्टर्ड प्रेसीडेंट लायन विभा भुटानी एवं प्रेसीडेंट सरिता राठौड़ समेत अन्य सदस्य भी उपस्थित रहीं।
जिन महिलाओं का इस अवसर पर सम्मान किया गया उनमें मीना बाई, खोरबाहरिन बाई, राधा बाई, कला बाई, सुकीर्ति बाई, गंगोत्री बाई, अपसरी, रमी•ाा, फेमिदा, कांति बाई, पूर्णिमा नायर, अमृता विश्वकर्मा, सारिका गुप्ता, सविता विश्वकर्मा, गायत्री विश्वकर्मा, करुणा, सुजाता बहादुर, कंचन तिवारी, मंजू और संगीता बाई शामिल हैं। इन सभी महिलाओं को भेंट सामग्री लायन्स क्लब पिनाकल के सौजन्य से भेंट की गई।
इससे पूर्व डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने नारी सशक्तिकरण पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इनमें सुरभि वर्मा, चित्तवीर चाने, उर्वशी वर्मा, प्रणय कुमार, ऋषभ जैन, प्राप्ति लुईस, मनीष प्रसाद, अपूर्वा मिश्रा, संचिता मुखर्जी ने हिस्सा लिया। प्रथम पुरस्कर संचिता मुखर्जी को दिया गया। कार्यक्रम में पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल, प्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी, संगीतकार भास्कर, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राजेश चौहान, डॉ शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव, डॉ राजेश सिन्हा, दीपक तुमाने, अरुण सिंह, डॉ नवीन कौरा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री बघेल ने कहा कि भारत में नारी को हमेशा सम्मान मिला है। स्वर्ग में भी रक्षा मंत्रालय देवी दुर्गा को, वित्त मंत्रालय देवी लक्ष्मी को, शिक्षा मंत्रालय देवी सरस्वती को सौंपा गया था। भारतीय समाज में नारी हमेशा पूजनीय, वंदनीय और सम्माननीय रही है। उन्होंने इस अद्भुत कार्यक्रम के लिए डॉ संतोष राय और मां शारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रयासों को साधुवाद दिया।
जेसीआई ट्रेनर और ट्रस्ट के सदस्य विजय गुप्ता ने भाषण प्रतियोगिता के वक्ताओं को साधुवाद देते हुए उन्हें और बेहतर करने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि मंच पर आने के बाद अटकता केवल वही है जो उसे केवल याद करके आता है। भाषण को याद करने के बजाय यदि उसे समझ लिया जाए तो अटकने की नौबत नहीं आती। इसलिए विषय को समझना ही श्रेष्ठ होता है।
आमंत्रित वक्ता डॉ शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि 1967 में वे स्कूल में थे। सेक्टर-7 स्कूल में तब भी छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ती थीं। एक साथ बागवानी करती थीं। कार्यक्षेत्र में भी पुरुष और महिला बराबर की भागीदारी देती थीं। कभी नारी सशक्तिकरण की बातें नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि नारी को अबला, पिछड़ा और दमित बताए जाने के पीछे कहीं न कहीं एक राजनीतिक षडय़ंत्र है जिसके कारण परिवार की गाड़ी के इन दोनों पहियों के बीच खाई उत्पन्न हो रही है।
आरंभ में मां शारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए डॉ संतोष राय ने कहा कि हममें से जो लोग अपने अपने क्षेत्र में सफल हो गए हैं, हम सबका दायित्व बनता है कि उन लोगों के लिए कुछ सोचें, उन लोगों के लिए कुछ करें जो इस दौड़ में कहीं पीछे छूट गए हैं। इसी सोच को लेकर हमने मां सारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट की नींव रखी थी। समान सोच और विचार वाले लोग जुड़ रहे हैं। हमारे कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं और इसे विशालता प्रदान कर रहे हैं।

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