दुर्ग। पांच वर्षों से लगातार सूक्तियों को लिखने तथा पुस्तक के रूप में उनका प्रकाशन करने के लिए दो-दो वल्र्ड रिकार्ड प्राप्त सर्वेश जैन की तीसरी पुस्तक The awakening Wisdom of Life (द अवेकनिंग विसडम ऑफ लाइफ) का विमोचन सोनाली रेस्तरां में पत्रकारों के बीच किया गया। 182 पृष्ठों की इस पुस्तक में 1825 सूक्तियां (Quotations) हैं। इसका प्रकाशन चेन्नई के नोशन प्रेस ने किया है। इसकी कीमत भारत में 500 रुपए तथा विदेशों में 738 रुपए है। यह अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। पुस्तक 150 से अधिक देशों में 30 हजार से अधिक स्टोर्स तथा लाइब्रेरी में उपलब्ध होगी।
सर्वेश जैन अब तक 2700 से अधिक सूक्तियों की रचना कर चुके हैं। इनमें से 2400 को रिकार्ड पर लेते हुए लिमका बुक ऑफ रिकाड्र्स और इंडिया बुक ऑफ रिकाड्र्स में उन्हें शामिल किया गया है। एशिया बुक ऑफ रिकाड्र्स तथा गिनीज बुक ऑफ रिकाड्र्स में भी उन्हें जल्द ही शामिल किया जाएगा।
सर्वेश ने बताया कि वे अपने जीवन के प्रतिदिन के अनुभवों को ही सूक्तियों में ढालते हैं। जब विचार आते हैं तो वे उन्हें तुरन्त अपनी नोटबुक में उतार लेते हैं तथा रात को यह सुबह उसे परिष्कृत कर अपने दोस्तों को मैसेज कर देते हैं। यदि विचार गाड़ी चलाते समय आते हैं तो वे उन्हें मोबाइल पर रिकार्ड कर लेते हैं और बाद में उसे लिख लेते हैं।
22 वर्षीय सर्वेश जैन के मन में अपने जीवन के अनुभवों को शेयर करने का यह विचार पांच साल पहले आया। उन्होंने देखा कि यदि हम अपने विचारों को ही व्यवस्थित करना सीख लें तो जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान हो सकता है। हमें थोड़ा सा वक्त निकालकर अपने साथ घटने वाली घटनाओं पर फुर्सत के पलों में रिफ्लेक्ट करना चाहिए। यहीं से सूक्तियों का जन्म होता है।
श्री जैन ने इस अवसर पर विभिन्न रिकार्ड बुक्स के बारे में भी सारगर्भित जानकारी दी। उन्होंने पब्लिकेशन के विभिन्न उपलब्ध ऑप्शन्स की भी चर्चा की।