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चिट फंड कंपनियों पर कसेगी नकेल

Sep 22, 2016

प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक ने ली कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक
chitfund1दुर्ग। राज्य शासन के गृह विभाग के प्रमुख सचिव बी.व्ही. सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय ने आज यहां संभागीय आयुक्त कार्यालय हिन्दी भवन में दुर्ग संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर वित्तीय धोखाधड़ी करने वाली चिट-फंड कम्पनियों पर रोकथाम और प्रभावी अंकुश लगाए जाने की दृष्टि से कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
chitfundप्रमुख सचिव ने कहा कि कई बार कुछ कम्पनियां 30-40-50 प्रतिशत ब्याज दर और राशि दोगुना-तिगुना का लालच देकर लोगों से रूपए इकठ्ठा करती है, वास्तव में कोई भी कम्पनी इतना अधिक लाभ देने की स्थिति में नहीं होती। इस प्रकार की कम्पनियां अनेक प्रकार के नामों, निधि, कम्पनी कॉर्पोरेट, मल्टी कम्पनी, मार्केटिंग, हाउसिंग फाइनेंस, माल बनाने, वृक्षारोपण कराने जैसे नाम से कार्य करती हैं और लोगों को तेज गति से पैसे बढ़ाए जाने का लालच देती हैं। इस प्रकार की चिट-फंड कम्पनियों पर अंकुश लगाने के लिए छत्तीसगढ़ के निपेक्षकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005, 23 जुलाई 2015 से प्रभावशील हो गया है। एक एक्ट में फ्रॉड वित्तीय संस्थाओं के विरूद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने के कड़े प्रावधान हैं। इसके प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी करने वाले कम्पनियों की जांच, कार्रवाई और कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है। चिट-फंड कम्पनियों के धोखाधड़ी करने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। अधिनियम के तहत गलत पाए जाने पर व्यक्ति पर राशि के जुर्माने और जेल का भी प्रावधान है। इस तरह की कम्पनियों पर जिला कलेक्टर शिकायत मिलने पर अथवा स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों या शासकीय कम्पनी के अलावा नागरिकों से रूपए इकठ्ठा करने वाले सभी वित्तीय संस्थाओं को कलेक्टर से पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य है। कलेक्टर ऐसी संस्थाओं से महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
बैठक में पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय ने कहा कि चिट-फंड कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने पर थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए यह भी जरूरी है कि ऐसी कम्पनियों पर प्रारंभ से ही रोकथाम की जाए। उन्होंने गोरख धंधों से सतर्क रहने जन-जागरूकता पर विशेष जोर दिया तथा जानकारी मिलने पर फ्रॉड कम्पनी के पूरे चैनल या लिंक की छानबीन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवल गरीब ही नहीं बल्कि मध्यम वर्गीय और उच्च वर्ग भी ऐसी कम्पनियों के झासों से प्रभावित हो जाता है और अपनी खून-पसीने की कमाई को इसमें लगा देता है। विशेषकर पेंशन मिलते समय, जमीन मुआवजा और फसल कटाई के समय ऐसी कम्पनियां अपने एजेंटों के माध्यम से पैसा संग्रहित करती हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के सीआईडी विभाग में भी फाइनेंसियल फ्रॉड की रोकथाम के लिए सेल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इकोनॉमिक और फाइनेंसियल फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं ऐसे में पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे अपनी जांच और अनुसंधान की विशेषता ऐसे प्रकरणों के लिए बढ़ाएं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ सरकारी अमलों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता बताई।
बैठक में रायपुर संभाग के कमिश्नर श्री बृजेश चंद्र मिश्र, पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग संभाग दीपांशु काबरा, पुलिस महानिरीक्षक(सीआईडी) हेमकृष्ण राठौर, संचालक संस्थागत वित्त डॉ. कमलप्रीत सहित दुर्ग, राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा और बालोद जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे। बैठक में संभाग के सभी कलेक्टरों ने बताया कि उनके जिलों में ऐसी चिट-फंड कम्पनियों की जानकारी रखने के उद्देश्य से सेल का गठन कर दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट होंगे सक्षम अधिकारी
राज्य शासन ने अधिसूचना जारी कर छत्तीसगढ़ के निपेक्षकों के हितों का संरक्षण अधिनियम (एक्ट) 2005 के तहत जिला मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) को इस एक्ट के प्रयोजनों के लिए सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया है। सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस संबंध में प्राप्त होने वाले शिकायतों के अभिलेखों का संधारण और उनका विवरण एक रजिस्टर के रूप में प्रविष्ट कराएगा। इसी तरह एक अन्य अधिसूचना में इस अधिनियम के तहत जिले के पब्लिक प्रोसिक्यूटर को ऐसे सभी मामलों के लिए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बनाया है।
मुख्यमंत्री ने किया झांसे में नहीं आने का आग्रह
प्रमुख सचिव श्री सुब्रमण्यम ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चिट-फंड कम्पनियों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी से चिन्तित हैं। उन्होंने अपनें मासिक रेडियो वार्ता Óरमन के गोठÓ कार्यक्रम में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है और राज्य के नागरिकों और युवाओं से आग्रह किया कि वे चिटफंड कम्पनियों के झांसे में न आएं और उनसे न जुड़ें, क्योंकि ऐसी कम्पनियों का कोई जिम्मेदार व्यक्ति सामने नहीं होता और वे स्थानीय युवाओं का चेहरा रखकर काम करते हैं। जब इस प्रकार की कोई कम्पनी जनता का पैसा लेकर चम्पत हो जाती है, तो हमारे मासूम स्थानीय युवा फंस जाते हैं और वे ठगी गई जनता के आक्रोश का शिकार बनते हैं। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों से भी अपील किया है कि वे चिटफंड कम्पनियों के गोरख धंधे से सतर्क रहे और जनता को भी बचाएं। मुख्यमंत्री ने कोटवारों, पटवारियों, नायब तहसीलदारों, पंचायत, महिला और बाल विकास विभाग, बैंक आदि के अधिकारियों और कर्मचारियों, डॉक्टरों तथा शिक्षकों से भी आग्रह किया है कि वे जनता को ऐसी संस्थाओं के खिलाफ जागरूक करें और उसके खून-पसीने की कमाई की सुरक्षा में अपना योगदान दें।

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