• Thu. May 2nd, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

RCET B’School ने साहस शिविर में की शिरकत

Jan 25, 2017

भावी मैनेजर्स ने सीखे टीम बिल्डिंग, लीडरशिप, कॉन्फिडेन्स बिल्डिंग, त्वरित निर्णय क्षमता जैसे मैनेजमेंट के गुर
RCET-B'SCHOOLभिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका स्थित कैम्पस में संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी बिजनेस स्कूल के एमबीए कोर्स के फस्र्ट तथा थर्ड सेमेस्टर के स्टूडेंट्स तथा फैकल्टी के 33 सदस्यीय दल ने नागपुर से 42 किमी दूर वडगांव डैम के समीप हैदराबाद हाइवे स्थित आउटवर्ड बाउण्ड भारत के 80 एकड़ क्षेत्र में फैले कैम्पस में आयोजित 3-दिवसीय साहस-द कैम्प में शिरकत की। RCET-B'SCHOOL-1संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर एफएण्डए सोनल रूंगटा ने बताया कि आज कॉर्पोरेट वल्र्ड में मैनेजमेंट के सभी गुरों की आवश्यकता होती है। भावी युवा मैनेजर्स के लिये मैनेजमेंट गोल हासिल करने लीडरशिप स्किल तथा सेल्फ कॉन्फिडेन्स का होना अत्यंत आवश्यक है। टीम मैनेजमेंट आज मैनेजमेंट का मूल मंत्र है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिविर के माध्यम से मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को अपने लाइफ स्किल्स बढ़ाने के लिये अवसर प्रदान करना ही हमारा प्रमुख उद्देश्य था।
आरसीइटी के डीन तथा मैनेजमेंट विभाग के हेड डॉ. मनोज वर्गीस ने बताया कि 3-दिवसीय साहस शिविर के दौरान 60 फीट वॉल क्लाइंबिंग, 35 फीट हाई रोप कोर्स, लो रोप कोर्स, लो बोर्ड बैलेंसिंग, कायाकिंग, राफ्ट मेकिंग एण्ड फ्लोटिंग, लैण्ड माइन्स, 35 फीट कमाण्डो लैडर तथा अन्य कई फिजीकली चैलेंजिंग एक्टीविटीज की गईं। इसके अलावा मैनेजमेंट एक्टिविटी के अंतर्गत टास्क मास्टर, 2.5 किमी जंगल नेविगेशन, नाईट ट्रेक, टीम गेम्स, क्रियेटीव सेशन्स के माध्यम से स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट फण्डों जैसे टीम बिल्डिंग, लीडरशिप क्वालिटी तथा सेल्फ कॉन्फिडेन्स तथा त्वरित निर्णय क्षमता के महत्व को खेलों के माध्यम से रूबरू कराया गया। इस 3-दिवसीय साहस शिविर के दौरान मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को बहुत कुछ सीखने मिला।
एमबीए स्टूडेंट्स ने आउटबाउण्ड भारत ट्रस्ट के साहस शिविर के अनुभव को रोमांचकारी बताते हुए इसे मैनेजमेंट स्किल्स डेवलप करने की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण बताया। टूर के सफल आयोजन में आरसीइटी के एमबीए विभाग हेड डॉ. मनोज वर्गीस के मार्गदर्शन में फैकल्टी सौरभ गुहा, कंचन यादव तथा सुशील पुनवटकर का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Leave a Reply