पांचवी में पढ़ाई छोड़कर बने थे लेथ आपरेटर, नहीं छूटा खेल
दुर्ग। दुर्ग के एक लेथ मशीन ऑपरेटर अर्जुन सिंह सागरवंशी का थाईलैंड में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ है। गरीबी के बाद भी इस खेल के प्रति समर्पण ऐसा कि उम्र के 55वें पड़ाव में भी उन्होंने पॉवर लिफ्टिंग को नहीं छोड़ा और इसी जुनून ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है। अर्जुन सिंह अप्रैल में आयोजित मास्टर एम-2 वर्ग के 90 से 125 किलोग्राम में वह अपना जौहर दिखाएंगे।
दुर्ग निवासी अर्जुन सिंह ने महज पांचवीं तक शिक्षा ग्रहण की है और उसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ने उन्हें आगे पढऩे के बजाय रोजी रोटी के लिए मजदूरी की ओर धकेल दिया। इसके बावजूद 1972 से वे व्यायामशाला जाते रहे और कुश्ती लड़ते थे। यहां गुरु अंजनी बाबू ने उनकी प्रतिभा को तराशा और वे कुश्ती के बजाय पॉवर लिफ्टिंग क्षेत्र में कॅरियर बनाने सुझाव और प्रशिक्षण भी दिया।
इसका नतीजा यह रहा कि अर्जुन सिंह ने नेशनल स्तर के प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। अर्जुन सिंह बताते हैं कि वे अपना हुनर नौजवानों में बांट रहे हैं। वे बतौर प्रशिक्षक एक जिम में ट्रेनिंग भी देते हैं। बताते हैं कि इनसे प्रशिक्षण लिए कई खिलाड़ी जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल कर चुके हैं।
ठाणे में जीता था स्वर्ण पदक
पॉवर लिफ्टर अर्जुन सिंह बताते हैं कि ठाणे मुंबई में नेशनल पॉवर लिफ्टिर्स फेडरेशन द्वारा ठाणे मुंबई में आयोजित नेशनल पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। यहां से थाईलैंड के लिए सलेक्शन हुआ है। इसी तरह नेशनल स्तर पर 2015 में हरियाणा के सोनीपत, नागपुर और उत्तर प्रदेश में आयोजित प्रतियोगिताओं में मेडल जीते।