सहारनपुर। मुस्लिम महिलाएं जिम जा सकती हैं या नहीं? देवबंदी उलेमा ने इस मसले पर अपनी राय रखी है। देवबंदी उलेमा मुफ्ती मेहंदी हसन ऐनी कहा कि जिम जाने वाली मुस्लिम महिलाओं को देखना चाहिए कि वहां बेपर्दगी तो नहीं हो रही है। जिम में गाने वगैरह तो नहीं चलते, या सुने जाते। ट्रेनर वहां औरतें हैं या नहीं। मदरसा जामिया हुसैनिया के मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि औरतें अपने शरीर को फिट रखने के लिए जिम जाती हैं तो इस्लाम के अंदर इसकी गुंजाइश हो सकती है। हालांकि उन्होंने इसके लिए कुछ शर्तों की बात करते हुए कहा कि वहां दूसरे मर्द न आते हों और गाना-बजाना न होता हो और बाकायदा पर्दे का माकुल इतंजाम हो। यह भी कहा कि औरतों का शरीर एक-दूसरे के सामने खुला न हो।