भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा का मानना है कि आज अनेक क्षेत्रों में नवीन शोधकार्य की आवश्यकता है। कम लागत में अधिक उपयोगी वस्तु का निर्माण केवल साइंस और इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी द्वारा ही संभव है। ऐसे आविष्कार ही समाज के लिए उपयोगी हो सकते हैं। श्री रूंगटा यहां संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस शास्त्रार्थ को अध्यक्ष की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज कई क्षेत्रों में नवीन शोधकार्य अत्यंत आवश्यक हैं जो कि ज्वलंत सामाजिक आवश्यकताओं से जुड़े हुए हैं। समाज को इन क्षेत्रों से जुड़ी हुई रिसर्च की लंबे समय से आवश्यकता रही है। वे ही आविष्कार समाज के लिये उपयोगी होते हैं जिसमें कम इनपुट में अधिक आऊटपुट मिले और अधिक से अधिक आर्थिक रूप से अक्षम लोग लाभान्वित हों। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उपस्थित समस्त रिसर्चर्स आयोजन के थीम को ध्यान में रखते हुए सामाजिक पहल करते हुए अपनी रिसर्च को समाजोपयोगी बनाने की दिशा में विचार करेंगे तथा राष्ट्र तथा राज्य की सामाजिक उन्नति में अपने शोधकार्य के माध्यम से अमूल्य योगदान देंगे।
आज हुए टेक्निकल सेशन में इन्वाइटेड टॉक में फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मियामी, यूएसए से आये हुए वैज्ञानिक प्रो. कैंग के. येन ने एक्टिव फॉल्ट टॉलरेन्ट कंट्रोल फॉर नॉनलिनियर सिस्टम्स: ए न्यूरल नेटवर्क एप्रोच विषय पर अपना प्रेजेण्टेशन दिया वहीं इसी यूनिवर्सिटी से आये प्रो. नेजीह पाला ने प्लासमोनिक नैनोप्लेटफॉम्र्स फॉर बायोकेमिकल सेन्सिंग एण्ड मेडिकल एप्लीकेशन्स विषय पर अपने विचार रखे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ. पी.एस. ग्रोवर ने हाऊ टू सिलेक्ट रिसर्च एरिया/रिसर्च गैप फाइंडिंग तथा टीप्स टू राईट एससीआई पेपर्स विषय पर मार्गदर्शन दिया वहीं किट, भुवनेश्वर/नई दिल्ली के प्रो. अनंत राम ने राइटिंग गुड रिसर्च प्रपोजल्स फॉर गवर्मेंट फण्डिंग एजेंसीस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इसके अलावा शिक्षाविद् अतुल कोठारी ने भी भारत में तकनीकी व प्रौद्योगिकी शिक्षा पर अपना प्रभावी प्रेजेण्टेशन दिया।