• Fri. May 3rd, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

आचार्य विद्यासागर जी ने दिखाया भक्ति से भगवान बनने का मार्ग

Jan 13, 2018

भिलाई। परम् पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने आज मतावलंबियों से कहा - भगवान की भक्ति से सरल कोई मार्ग नहीं है। भक्त बनकर ही भगवान के करीब पहुंचा जा सकता है। भक्ति पूर्ण होगी तो व्यक्ति स्वयं भगवान बन जाएगा। संत शिरोमणि यहां रूआबांधा स्थित श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति में भक्त स्वयं को भूल जाता है। जब व्यक्ति भगवान की भक्ति में लीन होता है तो वह परमात्मा के बहुत करीब होता है। भगवान की निष्काम भक्ति करने वाला स्वयं भगवान बन जाता है। भिलाई। परम् पूज्य संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने आज मतावलंबियों से कहा – भगवान की भक्ति से सरल कोई मार्ग नहीं है। भक्त बनकर ही भगवान के करीब पहुंचा जा सकता है। भक्ति पूर्ण होगी तो व्यक्ति स्वयं भगवान बन जाएगा। श्री 108 आचार्य विद्यासागर जी महाराज यहां रूआबांधा स्थित श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति में भक्त स्वयं को भूल जाता है। जब व्यक्ति भगवान की भक्ति में लीन होता है तो वह परमात्मा के बहुत करीब होता है। भगवान की निष्काम भक्ति करने वाला स्वयं भगवान बन जाता है। आचार्य विद्यासागर जी ने कहा कि आज कल लोग भक्ति कम और दिखावा ज्यादा करते हैं। आडम्बर के अपने गुण दोष हैं। लोग उसी में उलझ कर रह जाते हैं और भक्ति से दूर होते चले जाते हैं। भक्ति में समर्पण की आवश्यकता होती है। पंच कल्याणक महोत्सव भक्ति का सबसे सुन्दर अवसर है।
उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करने वाला ही भक्ति के पूर्ण फल को प्राप्त करता है। इंसान यदि सच्चे मन और भाव से भक्ति करे तो भगवान हो जाता है पर जब भगवान की भक्ति कुछ पाने की इच्छा के साथ की जाती है तो वह तो भक्ति नहीं रह जाती। भक्ति आत्मकल्याण के लिए होनी चाहिए। जीवन में भक्ति ज्यादा होनी चाहिए, संसार में आना जाना तो लगा रहेगा। जो भगवान की भक्ति करता है वह अजर-अमर हो जाता है।
आचार्यश्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में भक्ति करने वालों में युवाओं की अच्छी खासी संख्या देखने को मिल रही है। यह भविष्य के लिए अच्छे लक्षण हैं। भक्ति में बहुत शक्ति होती है। 80 साल का भक्त भी स्वयं को युवा महसूस करने लगता है।
भक्ति सबसे सरल मार्ग
आचार्यश्री ने कहा कि भक्ति से सरल कोई मार्ग नहीं है। इसलिए भक्ति करते रहना चाहिए। भक्त स्वयं को पूरी तरह से भगवान को सौंप देता है और खुद भी भगवान जैसा हो जाता है। यही मोक्ष का मार्ग है।
9:30 से प्रवचन
ब्रह्मचारी सुनील भय्या (इंदौर वाले) ने बताया कि आचार्य श्री विहार करके पहुंचे हैं तथा आज विश्राम करेंगे। कल से प्रतिदिन प्रात: 9:30 बजे उनका प्रवचन होगा।
पात्रों का चयन कल
ब्रह्मचारी सुनील भैया ने घोषणा की कि कल रविवार को पंचकल्याणक महोत्सव के मुख्य पात्रों का चयन किया जाएगा।
धौलपुरी पाषाण से बना मंदिर
ब्रह्मचारी सुनील भय्या (इंदौर वाले) ने बताया कि धौलपुरी पाषाण से बना यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिहाज से अद्वितीय है। इसे पूर्ण भक्तिभाव से बनाया गया है। यह भक्तों को धर्म के प्रति आकर्षित करने में सहायक सिद्ध होगा।
आचार्य विद्यासागर महाराज एवं ससंघ के सानिध्य में श्री पारसनाथ दिगंबर जैन सेवा समिति रुआबांधा द्वारा 22 से 27 जनवरी तक श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव विश्वशांति महायज्ञ व गजरथ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अयोध्या नगरी सेक्टर-10 के सड़क 48 -49 के मध्य मैदान में बनाई जा रही है। यहां विशाल डोम खड़ा किया जा रहा है।
आयोजन में श्री पारसनाथ दिगंबर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री राजीव जैन, उपाध्यक्ष पवन जैन, उपाध्यक्ष अजित जैन, कोषाध्यक्ष राहुल जैन, उपकोषाध्यक्ष ललित जैन एवं मंत्री अशोक जैन, राजेश जैन, राकेश जैन, शरद जैन, प्रमोद जैन, राजू जैन सहित समस्त सकल जैन समाज के लोगों ने मुनिश्री का भव्य स्वागत किया।
आज का भोजन दान
आचार्यश्री ससंघ को भोजन दान का परम सौभाग्य आज ब्रह्मचारी किंचित विनोद कुमार जैन को प्राप्त हुआ।

Leave a Reply