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हमारे थॉट्स बहुत पॉवरफुल होते हैं : वैशाली सुपे

May 7, 2018

भिलाई। हमारे थॉट्स बहुत पॉवरफुल होते है। जो आप निरंतर सोच रहे हो वैसा ही आपका जीवन बनता जाता है। बचपन में यदि आप इन बातों को आत्मसात कर ले तो आप बड़े से बड़ा लक्ष्य भी प्राप्त कर सकते है। उक्त उद्गार भिलाई इस्पात संयत्र की शिक्षा अधिकारी वैशाली सुपे ने व्यक्त किए।भिलाई। हमारे थॉट्स बहुत पॉवरफुल होते है। जो आप निरंतर सोच रहे हो वैसा ही आपका जीवन बनता जाता है। बचपन में यदि आप इन बातों को आत्मसात कर ले तो आप बड़े से बड़ा लक्ष्य भी प्राप्त कर सकते है। उक्त उद्गार भिलाई इस्पात संयत्र की शिक्षा अधिकारी वैशाली सुपे ने व्यक्त किए। वैशाली प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउण्डेशन के शिक्षा प्रभाग द्वारा ब्रह्मकुमारी पीस आॅडिटोरियम में स्कूली बच्चों के लिए आयोजित दस दिवसीय समर कैम्प, उत्कर्ष-2018 के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथी की आसंदी से कहीं। उन्होंने कहा कि यहां पर थॉट प्रोसेस को पॉजिटिव रखना सिखाया जाता है। आप जो सीखते है उसका प्रभाव आपके परिवार पर भी पड़ता है। जो भीड़ कर रही है वो करना सही नहीं है, अपनी सोच का सम्मान करें। हमारी लाईफ के हीरो हम खुद है। हमारे विचारों से ही हम अपने जीवन की स्टोरी लिख रहे है, इस समर कैम्प में दिए गये खजानों को अपने जीवन में अवश्य धारण करे।
भिलाई सेवाकेन्द्रों की सह संचालिका ब्रह्माकुमारी गीता ने कहा कि बच्चों में सबसे बडा गुण होता है सच्चाई का। उन्होंने कहा कि अवगुणों का त्याग कर गुणों को धारण कर श्रेष्ठ कर्म करना ही राजयोग है। हमारा वर्तमान ही हमारे भविष्य का निर्माण करता है। हमारा जीवन खुशबूदार बने जिसमें गुणों की खुशबू हो। ऐसे गुणवान, चैतन्य फूल बनकर अपने जीवन, घर, समाज, देश को महकाओ।
ब्रह्माकुमारी मिली ने इस समर कैम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान नही वरन बौद्धिक एवं सर्वागिण विकास के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का होना भी आवश्यक है। इन दस दिनों में आप जो भी सीखे उसे अपने जीवन में अपनाने का लक्ष्य रखे।
उपस्थित मुख्य अतिथी एन.एस.पी.सी.एल के महाप्रबंधक श्री चटोपाध्याय ने कहा कि आप सभी को देख मुझे मेरा बचपन याद आ गया। जीवन में कभी डरना नही है, सदा कॉन्फिडेंस में रहना है। भारत सबसे श्रेष्ट राष्ट्र है जिसे हमें पुन: विश्व गुरू बनाना है। हमें हर चीज में आगे रहना है।
पुर्व में समर कैम्प को अटेंड कर चुके छात्र मुस्कान और कंचन ने अपना अनुभव सभी को सुनाया कि मेडिटेशन से हमारा मन शांत और एकाग्र हुआ, जिससे हमें पढ़ाई में थकान नही होती। सुबह मम्मी मुझे उठाती थी पर अब मैं खुद सुबह जल्दी उठ जाते है। पॉजिटिव थिकिंग और नम्रता हमारा व्यवहार बन गया है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी निकिता और रागिनी ने किया।

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