एमजे कालेज में एनएसजी कमांडो ने सुनाई अपनी आपबीती भिलाई। जिस घर में एनएसजी के कमांडो मोर्चा संभाले हुए थे, सेना ने अंतत: उसे ही उड़ा दिया। दरअसल फायरिंग रुक जाने के कारण भारतीय सेना की बटालियन को लगा था कि हमारे साथी शहीद हो गए और इमारत में अब केवल आतंकवादी ही रह गए हैं। एनएसजी में कमाण्डो रहे विजय बहादुर सिंह ने उक्त उद्गार एमजे कालेज में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि पांच आतंकियों के छिपे होने की खबर थी। हमने मोर्चा संभाल रखा था। एक इमारत में वे अपने साथी के साथ थे। आतंकियों की फायरिंग में उनका साथी शहीद हो गया। वे स्वयं ही मोर्चा बदल बदल कर दोनों स्थानों से फायरिंग करते रहे। इसी तरह 4-5 घंटे बीत गई। इस बीच उन्हें भी एक हाथ में गोली लग चुकी थी। उनकी गोलियां खत्म हो गर्इं तो फायरिंग भी रुक गई।
उन्होंने बताया कि जब भारतीय कमाण्डो ने गोली चलाना बंद कर दिया तो इलाके को घेर चुकी भारतीय सेना के बटालियन को लगा कि हमारे दोनों साथी शहीद हो चुके हैं। इमारत में आतंकवादी तब भी थे। आपरेशन को जल्दी खत्म करने के लिए उन्होंने इमारत को ही उड़ा दिया। विजयबहादुर भी मलबे के साथ उछल कर दूर जा गिरे। सेना ने जब मलबे में शव तलाशने शुरू किये तो उन्हें जीवित पाया। उन्होंने इसी तरह के और भी संस्मरण सुनाए। उनके साथी पूर्व सैनिक देवेन्द्र सिंह भी इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
इससे पूर्व राज्यपाल बलराम दास टंडन को मौन श्रद्धांजलि देते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निरस्त करने की घोषणा कर दी गई। साथ ही स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित आलेख प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण भी स्थगित कर दिया गया।
आरंभ में अतिथियों के साथ डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्यगण एवं समन्वयक वीके चौबे ने भारत माता के चित्र पर पुष्प चढ़ाते हुए ध्वजारोहण कर ध्वज वंदना की। बच्चों ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर नागरिक कर्त्तव्यों को रेखांकित करते हुए रोचक उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए हम सभी को जागरूकता, कर्मठता और ईमानदारी की सौगंध खानी होगी। उन्होंने कई उदाहरण भी दिए।
एमजे कालेज आॅफ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार वर्मा ने लोगों को देश भक्ति की शपथ दिलाई। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर एस गुरुपंच, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य श्रीमती कन्नमल, वाइस प्रिंसिपल सीजी थॉमस, एनएसएस प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे सहित व्याख्याताओं एवं स्टूडेन्ट्स ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती सीजी थॉमस एवं श्रीमती पूर्णिमा अमित दास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संदीप धर्मेन्द्र ने किया।