भिलाई। एमजे कालेज द्वारा आज एमजे मिशन क्लीन लॉंच किया गया। मिशन के तहत स्वच्छता को लेकर अब तक आई जागरूकता को अमल में लाने का संकल्प लिया गया। भिलाई नगर पालिक निगम के आयुक्त एसके सुन्दरानी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता ऐप के रूप में एक ऐसा हथियार आम आदमी के हाथों में दिया है जिससे वे लापरवाह अफसरों की छुट्टी करवा सकते हैं। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने उन्हें स्वच्छता पुरुष के रूप में संबोधित किया।श्रीमती विरुलकर ने कहा कि श्री सुन्दरानी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से रात को भी सड़कों की सफाई हो रही है। शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। श्री सुन्दरानी ने अलग अलग जगहों पर रहने के दौरान कचरा प्रबंधन और कचरा निपटान पर काफी काम किया है जिसके लिए उनका राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर लापरवाही का बोलबाला हो गया है। सबको लगता है कि यह किसी और का काम है। जब तक हम स्वच्छता को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं मान लेते तब तक स्वच्छता का मिशन सफल नहीं हो सकता।
आयुक्त श्री सुन्दरानी ने महाविद्यालय द्वारा बनाए गए एमजे मिशन क्लीन लोगो की तारीफ करते हुए कहा कि इसे भिलाई मिशन क्लीन के रूप में आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि कि पिछले पांच साल के दौरान उन्होंने अपने घर से एक किलो कचरा भी बाहर नहीं निकाला है। गीले कचरे का उपयोग वे खाद बनाने के लिए करते हैं जबकि कागज, गत्ता, पन्नी, प्लास्टिक, लोहा टीना को बोरे में भरकर घर की कामवाली को देते हैं। वह उसे कबाड़ी को बेचकर चार पैसे कमा लेती है। इससे वह भी खुश, हम भी खुश और पर्यावरण भी खुश।
उन्होंने कहा कि कचरे का यदि उत्पन्न होने के स्थल पर ही निपटान हो जाए तो उसे ढोने और शहर से दूर कहीं ले जाकर फेंकने ये नष्ट करने का झमेला खत्म हो जाता है। इससे श्रम और धन दोनों की बचत होती है तथा पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
स्वच्छता ऐप की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी केन्द्रीय स्तर पर होती है। जैसे ही कोई व्यक्ति अपने इलाके में लैंडमार्क का उल्लेख करते हुए कहीं पर गंदगी की शिकायत करता है एसएमएस द्वारा अधिकारी को सूचना मिल जाती है। यदि निराकरण नहीं किया जाता तो उसके ऊपर के अधिकारी को जानकारी मिल जाती है। यदि वह भी काम नहीं करवाता तो इसकी जानकारी स्वयं आयुक्त को मिल जाती है। इसकी निगरानी केन्द्रीय स्तर पर होती है। यदि गंदगी की सूचना मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती या काम किये बिना ही अधिकारी द्वारा निराकरण की जानकारी अपलोड कर दी जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग एवं फार्मेसी कालेज के बच्चों ने लघु नाटक एवं प्रसंग प्रस्तुत किये। नर्सिंग कालेज की छात्राओं ने कचरा और उसके निपटान पर केन्द्रित एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया जिसकी आयुक्त ने मुक्त कंठ से सराहना की। इस नाटक के केन्द्र में शुष्क कचरे को रिसायक्लिंग के लिए उपलब्ध कराने की बात प्रमुखता से कही गयी थी।
निगम के अधिकारी ने बच्चों एवं प्राध्यापकों तथा व्याख्याताओं से स्वच्छता ऐप डाउनलोड करवाने के साथ ही उसका उपयोग भी करवाया। कार्यक्रम को फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डॉ टिकेश्वर कुमार ने भी संबोधित किया। श्री वीके चौबे, शिक्षा विभाग की प्रमुख डॉ श्वेता भाटिया, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य डॉ सी कन्नमल, सीजी थॉमस सहित फैकल्टी मेम्बर्स और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन सहायक प्राध्यापक चरनीत संधु एवं धन्यवाद ज्ञापन दीपक रंजन दास ने किया।