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‘स्वास्थ्य प्रथम’ : चाहे दोगुने पैसे देने पड़ें, डॉक्टरों को भेजेंगे गांव : मुख्यमंत्री

Feb 21, 2019

NFI and Swasthya Pratham give a presentation on rural health care in the chhattisgarh vidhan sabhaरायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल कहा कि चाहे शहरों के मुकाबले डाक्टरों को दोगुने पैसे देने पड़ें पर उन्हें गांव भेजा जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का रोडमैप बनाने के निर्देश भी दिए। खनिज विकास निधि का उपयोग निर्माण की बजाय ग्रामीण स्वास्थ्य पर किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री विधानसभा के श्यामप्रसाद मुखर्जी ऑडिटोरियम में ‘स्वास्थ्य प्रथम’ के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, जिला खनिज विकास निधि की राशि का उपयोग दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों को अच्छा वेतन देने में किया जा सकता है।Mayaram Sujan Foundationछत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा नेशनल फाउण्डेशन फॉर इंडिया के तत्वावधान में और मायाराम सुरजन फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास सबसे ज्यादा आवेदन इलाज के लिए आते हैं। कोई बड़ी बीमारी हो जाए तो पूरा परिवार बरबादी के कगार पर आ जाता है। इसलिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ी कहावत ‘गुरू बनाएं जान के, पानी पिये छान के’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने डॉ रेणु जोगी, डॉ जायसवाल, डॉ डहरिया आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनेक चिकित्सक हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार गंभीर है।
Swasthya-Pratham ipsabimbita sarangi NFI Odishaसीएम बघेल ने कहा कि साफ पेयजल, स्वच्छता और जागरूकता के जरिए छोटी-मोटी बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है। जिला खनिज विकास निधि की राशि का उपयोग निर्माण कार्यो की जगह शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी कार्यों पर, लोगों के लिए साफ पेयजल की व्यवस्था करने के लिए किया जाना चाहिए। सरगुजा और बस्तर के आदिवासी बहुल वनांचलों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गांवों में नहाने के लिए, मवेशियों के लिए और पेयजल के लिए अलग अलग तालाब होते थे। यह व्यवस्था महाराष्ट्र के कुछ गांवों में अभी भी है। औद्योगिक विकास एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण पानी दूषित हो रहा है। कई क्षेत्रों में फ्लोराईड, आर्सेनिक और भारी धातु का प्रतिशत पानी में बढऩे के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं। साफ पेयजल की व्यवस्था और लोगों को साफ पानी के उपयोग के लिए जागरूक करने से इस समस्या का समाधान हो सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने इस अवसर पर समाज सेवी मायाराम सुरजन को याद करते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें मायाराम सुरजन का आशीर्वाद मिला। उनकी चिन्ता हमेशा समाज कल्याण से जुड़ी रहती थी। मायाराम सुरजन फाउण्डेशन का यह अच्छा और उपयोगी आयोजन है। उन्होंने कहा कि पहला सुख निरोगी काया है। स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ मन जरूरी है। मन उदास हो तो बीमारी निकट आ जाती है। जरूरत सोच बदलने की है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक स्थिति, भौगोलिक परिस्थितियां और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धि, पेयजल और स्वच्छता जैसे विषय भी स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों को और भी सजगता से अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ पेयजल के उपयोग की आवश्यकता बतायी।
नेशनल फाउण्डेशन फॉर इंडिया से जुड़े विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत दास ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का असमान वितरण भी एक बड़ी चुनौती है। रायपुर के रामकृष्ण केयर में पैदा हुए बच्चे के दीर्घायु होने की संभावना सबसे अधिक है जो बिलासपुर पीएससी या बस्तर पीएससी तक तेजी से घटती जाती है। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि आज भी बड़ी संख्या में नवजात पहला महीना पूरा होने से पहले दम तोड़ देते हैं। कुछ और बच्चे पांच साल की आयु पूरी नहीं कर पाते। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद हालांकि स्थिति में कुछ सुधार हुआ है पर स्थिति अब भी संतोषजनक नहीं है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को सक्रिय भागीदारी देनी होगी।
कार्यक्रम में नेशनल फाउण्डेशन फॉर इंडिया की कार्यकारी निदेशक यशोधरा दास गुप्ता, विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत दास और डॉ. योगेश जैन ने भी अपने विचार प्रकट किए। मायाराम सुरजन फाउण्डेशन के सरंक्षक ललित सुरजन ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ हनुमंत यादव, एनएफआई की ओडीशा अधिकारी इप्साप्रतिबिम्बिता षड़ंगी, स्वास्थ्य प्रथम की राज्य समन्वयक बी पोलम्मा, पत्रकार दीपक रंजन दास सहित बड़ी संख्या में मंत्री, विधायक, अधिकारी एवं मेहमान उपस्थित थे।

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