भिलाई। संतोष रूंगटा समूह (आर-1)के स्टूडेंठ्स का दल चेन्नई स्थित वेलटेक यूनिवर्सिटी में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकथान 2019 में शिरकत कर वापस लौटा। समूह के रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी-भिलाई) के बीई आईटी तथा कंप्यूटर साइंस के छठवें सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के ह्लनेटीजेन्सह्ल नाम के इस ग्रुप ने छत्तीसगढ़ से क्वालिफाइ किया था जिसके प्रमुख मेम्बर्स में टीम लीडर अनुकृति मिश्रा तथा टीम मेम्बर्स मोहीनी शर्मा, एश्वर्या राय, निष्मा थवाइत, पोम्पी विश्वास, श्रेयस मोहयाना थे वहीं टीम के मेंटर रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी, भिलाई के कंप्यूटर साइंस तथा आईटी विभाग के प्रोफेसर्स अजय कुशवाहा तथा ओ.पी. देवांगन थे। स्मार्ट इंडिया हैकथान (एसआईएच) 2019 का आयोजन देश के विभिन्न प्रायवेट तथा गवर्मेंट आॅगर्नाइजेशन्स को वर्किंग के दौरान मिल रही चुनौतियों का अभिनव, सृजनात्मक तथा तकनीकी रूप से सक्षम प्रयोगों द्वारा सुलझाने के एक प्रयास के तहत् किया गया। संतोष रूंगटा समूह के स्टूडेंट्स की नेटजेन्स टीम ने स्टेम सेल प्रिजर्वेशन को फोकस करते हुए बनाया एससीआईएफएल एप
समूह के स्टूडेंट्स के नेटीजेन्स ग्रुप की टीम लीडर अनुकृति मिश्रा ने बताया कि इस स्मार्ट इंडिया हैकथान में स्टूडेंट इनोवेशन कैटेगरी के अंतर्गत हमने पाटीसिपेट किया जिसमें प्रॉब्लम स्टेटमेंट में हेल्थकेयर एण्ड बायोमेडिकल डिवाइसेस (सॉफ्टवेयर एडिशन) के अंतर्गत एंट्री दी गई। इस कैटैगरी में हमारी टीम छत्तीसगढ़ से एकमात्र टीम थी। नेटीजेन्स टीम के युवा सदस्यों ने स्टेम सेल प्रिजर्वेशन को फोकस करते हुए अपना एप एससीआईएफएल (स्टेम सेल एण्ड इन्श्यूरेंस फॉर लाइफ) बनाया जिसके दो पार्ट हैं। पहले पार्ट में स्टेम सेल बैंक संबंधी जानकारी और दूसरे पार्ट में महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और जानकारी उपलब्ध है।
नेटीजेन्स टीम की टीम मेम्बर तथा आरसीइटी की ही छात्रा मोहीनी शर्मा ने बताया कि मेडिकल साइंस में निरंतर हो रहे शोधकार्यों से यह सिद्ध हो चुका है कि स्टेम सेल के माध्यम से असाध्य से असाध्य रोगों का इलाज संभव है परन्तु विडम्बना यह है कि जागरूकता के अभाव में हमारे देश की मात्र 7 प्रतिशत जनता इस बात की जानकारी रखती है। ऐसी जानकार 7 प्रतिशत जनता के लिये भी ऐसी स्टेम सेल प्रिजर्व करने वाली बैंक का पता लगा पाना अत्यंत ही कठिन कार्य है। हमने इस बात को ध्यान में रखते हुए ऐसे एप का निर्माण किया जिसके माध्यम से आप सरकारी तथा निजी क्षेत्र की सही स्टेम सेल प्रिजर्वेशन बैंक का चुनाव कर सकते हैं। स्टेम सेल प्रिजर्वेशन के माध्यम से उपचार संबंधी जागरूकता प्रदान करती जानकारी के अलावा मेडिकल एड, हेल्थ मंत्रा, डेली हेल्थ चेकअप डाटा, डॉक्टर्स तथा फार्मेसी स्टोर्स, ब्लड बैंक आदि की सही जानकारी उपलब्ध कराई गई है जिससे आपातकालीन स्थिति में ये सारी सेवायें एक जगह और आपकी उंगलियों के एक क्लिक पर मौजूद हों। इसके अलावा इस एप में महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी तथा परामर्श हेतु स्त्री रोग विशेषज्ञ की सेवायें भी उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि स्टेम सेल प्रिजर्वेशन एक महंगी प्रक्रिया भी होती है इसलिये यह अत्यंत महत्वपूर्ण तथा कारगर होते हुए भी अधिक लोकप्रिय नहीं हो पा रही है। इस संबंध में यदि सरकार ध्यान दे तो इसके स्वयं के द्वारा या सरकारी मदद से जगह-जगह स्टेम सेल प्रिजर्वेशन बैंक स्थापित कर स्टेम सेल प्रिजर्वेशन कॉस्ट को कम किया जा सकता है और आम आदमी की पहुंच में लाया जा सकता है। वतर्मान में छत्तीसगढ़ में रायपुर तथा बिलासपुर जैसे शहरों में स्टेम सेल प्रिजर्वेशन बैंक की सुविधा उपलब्ध है वहीं इसका प्रचलन महानगरों व बड़े शहरों तक ही सीमित है।
ंदो लाख एन्ट्रीज में से केवल पंद्रह हजार को मिला मौका, स्टेम सेल प्रिजर्वेशन हेतु जागरूकता फैलाने में होगा कारगर यह एप
संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिये स्मार्ट इंडिया हैकथान 2019 (सॉफ्टवेयर एडिशन) के अंतर्गत 503 समस्याओं को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसका उन्हें अभिनव प्रयोगों तथा सृजनात्मकता के माध्यम से सॉल्यूशन प्रस्तुत करना था। देश भर से दो लाख एंट्रीज गई थीं जिसमें से एक लाख को शॉर्टलिस्ट किया गया तथा इसमें से 15000 को अपने प्रॉब्लम सॉल्विंग इनोवेटिव आईडियाज को प्रस्तुत करने का मौका मिला। संपूर्ण भारतवर्ष के महानगरों तथा अन्य बड़े शहरों में इस प्रतियोगिता हेतु केन्द्र बनाये गये थे। चेन्नई के वेलटेक डॉ. शकुंतला आरएण्डडी इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी में आयोजित इस स्मार्ट इंडिया हैकथान 2019 की नॉन स्टॉप 36 घण्टे की प्रोडक्ट डेवलपमेंट कॉम्पीटीशन में हमारे समूह की नेटीजेन्स टीम के 4 राउण्ड में अंतिम राउण्ड तक पहुंचने में कामयाब रही। हमारे समूह की टीम की इस कैटेगरी में छत्तीसगढ़ से एकमात्र टीम थी जिसने एसआईएच प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट किया। इससे पूर्व विगत वर्ष समूह की टीमों ने राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्मार्ट हैकथान प्रतियोगिता में खिताब जीते थे। युवााओं के लिये अपनी प्रतिभा दिखाने तथा तकनीकी जानकारी प्राप्त करने का यह सुनहरा अवसर था जिसका आरसीइटी के स्टूडेंट्स ने भरपूर लाभ उठाया तथा तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण ज्ञान व अनुभव प्राप्त किया जो कि इन्हें भविष्य में बहुत काम आयेगा। संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा ने बताया कि जल्दी ही भविष्य में यह एप हमारे समूह द्वारा इंस्टीट्यूशनल सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत सामाजिक जागरूकता तथा कल्याण की भावना के तहत् प्ले स्टोर पर नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।