भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा संचालित रूंगटा इंटरनेशनल स्कूल में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने एशिया के सबसे बड़े मानवनिर्मित जंगल सफारी का आनंद लिया। प्राकृतिक परिवेश में वन्य प्राणियों को विचरण करते हुए देखना बच्चों के लिए एक रोमांचकारी अनुभव था। बच्चों ने यहीं पिकनिक भी किया और अपना पूरा दिन जंगल सफारी में बिताने के बाद अनुभवों का पिटारा लेकर स्कूल लौटे। नया रायपुर स्थित नन्दनवन जंगलसफारी दूर दूर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। लगभग 800 एकड़ में फैला यह जंगल सफारी छत्तीसगढ़ के मोगली चंद्रू मण्डावी को समर्पित है जिसकी प्रतिमा सफारी के प्रवेश द्वार के पास ही लगी है। आरआइएस के टीचर्स ने बच्चों को चंद्रू की कहानी सुनाई। चंद्रू बचपन में बाघ शावकों के साथ खेला करता था। उसपर एक फिल्म भी बनी थी।
बच्चों ने इसका बाद जंगल सफारी का विशेष वाहन से भ्रमण किया। उन्होंने बीयर सफारी, टाइगर सफारी, लायन सफारी, हर्बिवोरस सफारी में वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक परिवेष में विचरण करते देखा और रोमांचित हो गये। सहपाठियों और मित्रों के साथ यह भ्रमण उनके लिए एक अत्यन्त आनन्ददायी अनुभव था।