• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

जल्द शुरू होगा शारदा सामर्थ्य ट्रस्ट के स्कूल का निर्माण, स्वस्फूर्त आगे आया समाज

Dec 15, 2019

Ma Sharda Samartya Charitable Trustभिलाई। माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल का निर्माण फरवरी में प्रारंभ हो जाएगा। ट्रस्ट से जुड़ने के लिए न केवल लोग स्वस्फूर्त आगे आ रहे हैं बल्कि पहले से जुड़े सदस्य भी अतिरिक्त सहयोग करते हुए अपना अंशदान बढ़ा रहे हैं। यह घोषणा ट्रस्ट के डॉ संतोष राय ने यहां होटल अमित पार्क इंटरनेशनल में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि स्कूल का नक्शा प्रख्यात आर्किटेक्ट एवं ट्रस्ट के सहयोगी तुमाने बना रहे हैं। बैठक को प्रख्यात इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप रत्नानी, कैलीफोर्निया (यूएस) के उद्यमी विजय राजवैद्य एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा ने संबोधित किया।भिलाई। माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल का निर्माण फरवरी में प्रारंभ हो जाएगा। ट्रस्ट से जुड़ने के लिए न केवल लोग स्वस्फूर्त आगे आ रहे हैं बल्कि पहले से जुड़े सदस्य भी अतिरिक्त सहयोग करते हुए अपना अंशदान बढ़ा रहे हैं। यह घोषणा ट्रस्ट के डॉ संतोष राय ने यहां होटल अमित पार्क इंटरनेशनल में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि स्कूल का नक्शा प्रख्यात आर्किटेक्ट एवं ट्रस्ट के सहयोगी तुमाने बना रहे हैं। बैठक को प्रख्यात इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप रत्नानी, कैलीफोर्निया (यूएस) के उद्यमी विजय राजवैद्य एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा ने संबोधित किया।आरंभ में ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी देते हुए डॉ संतोष राय एवं बिपिन बंसल ने बताया कि दो साल पहले एक बैठक में समाज के लिए कुछ करने का विचार आया था। इसके बाद एक-एक कर लोग जुड़ते गए और कारवां बनता चला गया। आज 69 सदस्यों के साथ ट्रस्ट बेहद मजबूत है। ट्रस्ट द्वारा साधन विहीन स्कूलों के बच्चों को किताबें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, श्रमिक बस्तियों में कंबल वितरण, प्रोजेक्ट ‘लिबास’ के माध्यम से जरूरतमंदों को वस्त्र का वितरण, ऑटोरिक्शा-रिक्शा चालकों को छाता, पंखा, महिला स्वच्छता कर्मियों को साड़ियां आदि प्रदान करता आया है। ट्रस्ट का उद्देश्य एक ऐसे स्कूल की स्थापना का भी रहा है जिसमें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा वंचित तबके के बच्चों को दिया जा सके। इसके लिए जमीन खरीदी जा चुकी थी। डिजाइन भी लगभग तैयार है और फरवरी 2020 में इसका निर्माण भी प्रारंभ हो जाएगा। ट्रस्ट में देश विदेश के लोग जुड़े हैं जिनमें स्टूडेन्ट्स से लेकर ख्यातिप्राप्त प्रफेशनल्स शामिल हैं।
डॉ दिलीप रत्नानी ने इस अवसर पर हृदय रोग एवं उनसे बचने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारतीयों के जीन में ही कुछ ऐसा ही कि हृदय रोगों की गिरफ्त में आ जाते हैं। भारतीय मूल का व्यक्ति दुनिया भर में जहां कहीं भी हो, यह खतरा बना रहता है। इस खतरे को तनाव, गलत खानपान और आरामतलब जिन्दगी कई गुणा बढ़ा देती है।
उन्होंने बताया कि नाक से नीचे और नाभी के ऊपर का कोई भी दर्द हृदय रोग से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने एन्जाइना और हार्टअटैक के लक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया। एसिडिटी, गैस और हृदय रोगों के लक्षणों की भी उन्होंने चर्चा की। साथ ही यह भी कहा कि ईसीजी का नार्मल आना इस बात की गारंटी नहीं है कि सबकुछ ठीक है। 50-70 फीसदी तक के ब्लाक में भी ईसीजी नार्मल आ सकता है। हालांकि हृदयाघात होने पर ईसीजी रोग की पहचान में काफी मददगार होता है। उन्होंने हृदय को स्वस्थ रखने के टिप्स भी दिए।
डॉ संतोष राय के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 5 फीसदी लोगों के साथ ऐसा होता है कि उनकी ईसीजी और टीएमटी रिपोर्ट गड़बड़ रहती है और इसके बावजूद वे पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं। ऐसे लोग अपवाद होते हैं और उनकी वही रिपोर्ट नार्मल होती है। पर मशीनीकृत रिपोर्ट इसे समझ नहीं पाती।
Vijay Rajvaidya Entrepreneurअमेरिका से आए उद्यमी विजय राजवैद्य ने बताया कि वे तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं। आज इतना तकनीकी ज्ञान उपलब्ध है कि अमेरिका में बैठा विशेषज्ञ भारत के छोटे से शहर में चिकित्सकीय सहयोग कर सकता है। उन्होंने विमानन उद्योग से चिकित्साजगत की तुलना की। उन्होंने कहा कि 1926 में दो पायलट मिलकर 14-15 लोगों को हवाई यात्रा करवाते थे। आज भी दो ही पायलट 500 से अधिक यात्रियों को लेकर एयरबस उड़ाते हैं। चिकित्सा जगत में भी इस तरह की स्केलिंग जरूरी है। दूर कहीं बैठे विशेषज्ञ की देखरेख में एमबीबीएस डाक्टर भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकता है। हमें इस विकल्प पर ध्यान देना चाहिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा ने कहा कि हमें हर बात को दिल पर लेने की आदत सी हो गई है। किसी को फोन लगाया और उसने नहीं उठाया तो हमें टेंशन हो जाता है। छोटी छोटी बातों को इग्नोर करके हम प्रसन्नचित्त रह सकते हैं। अपनी लाइफ स्टाइल का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें सुबह-सुबह उठना कभी पसंद नहीं रहा। पर पढ़ने के दिनों से लेकर पुलिस की नौकरी तक में उन्हें कई बार ऐसा करना पड़ा। पर मौका मिले तो आज भी वे सुबह सोना पसंद करते हैं। रात को चाहे जितनी देर तक काम करना पड़े। नींद पूरी हो जाए तो तनाव अपने आप कम हो जाता है।
Sua Nritya at Ma Sharda Charitable Trust Annual Meetबिपिन बंसल ने कहा कि ऐसे प्रेरक वक्ताओं को सुनने का ट्रस्ट के सदस्यों को काफी लाभ होता है। उनकी जानकारी में वृद्धि होती है। स्वयं उन्होंने जीवन जीने की कला सीखी और आज प्रतिदिन 5 किलोमीटर दौड़ रहे हैं। पेट का घेरा भी कम हो गया है।
इस अवसर पर स्कूली बच्चों के समूह ने रंगारंग सुआनृत्य की प्रभावी प्रस्तुति दी। Felicitation of guests at Ma Sharda Samarthya Charitable Trustलोक गायिका रजनी रजक, सतीश झाम्ब, राजकुमार शर्मा, गौरी चक्रबोर्ती, लायन्स पिनाकल की चार्टर अध्यक्ष विभा भुटानी, फजल फारूकी, रौनक जमाल, डॉ मिट्ठू, मारिया रिजवी सहित ट्रस्ट के सभी सदस्यगण मौजूद थे।

Leave a Reply