माइलस्टोन अकादमी के वार्षिकोत्सव के तीसरे दिन लिया राष्ट्र निर्माण का संकल्प
भिलाई। आने वाला वक्त न तो पैसों का होगा और न ही ताकत का। नए ‘आइडियाज’ होंगे तो बाकी चीजों की व्यवस्था अपने आप होती चली जाएगी। उक्त बातें दैनिक भास्कर के स्थानीय सम्पादक राजकिशोर भगत ने आज कहीं। श्री भगत माइलस्टोन अकादमी के 24वें वार्षिकोत्सव ‘जेस्ट-2019’ को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। चार दिवसीय जेस्ट-2019 का आज तीसरा दिन था। आज का थीम राष्ट्रनिर्माण में समस्त देशवासियों की भूमिका सुनिश्चित करना था। श्री भगत ने कहा कि शेर को हम जंगल का राजा कहते हैं क्योंकि वह जंगल का सबसे ताकतवर और साहसी जानवर है। मनुष्य भी ऐसा ही करते थे। आज भी अनेक कबीलों में सरदार उसे ही चुना जाता है जो सबसे ज्यादा ताकतवर हो। लोकतंत्र आया तो समर्थन बल सबसे बड़ा हो गया। जिस सिर के पीछे सबसे ज्यादा सिर, वही सबसे शक्तिशाली बन गया। फिर आया धनबल। जिसके पास काफी पैसा हो वह जितने चाहे सांसद और विधायक खरीद लेता है। पर अब वक्त नए ‘आइडियाज’ का है। जिसके पास नई तरकीब होगी, वही इस दुनिया पर राज करेगा।
उन्होंने देश की हालत से व्यथित और उद्वेलित जनमानस तथा राष्ट्रनिर्माण में अवाम की अपेक्षित भूमिका के थीम पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए माइलस्टोन परिवार को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों में सही सोच विकसित करने की दिशा में यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
इससे पूर्व समारोह को संबोधित करते हुए माइलस्टोन चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन की निदेशक डॉ ममता शुक्ला ने कहा कि देश में समस्याएं बहुत हैं पर वह एक-एक कर दूर हो रही हैं। देशभक्ति या तो क्रिकेट में सिमट गई है या फिर 15 अगस्त और 26 जनवरी तक सीमित हो गई हैं। समस्याओं से जूझते लोगों की जुबान पर देश के लिए अकसर नकारात्मक बातें होती हैं। बात-बात पर वो देश छोड़ कर चले जाने की बात करते हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। उन्हें बताना होगा कि प्रत्येक क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं। बच्चों को चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में समझाना होगा। राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।
जेस्ट-2019 के तीसरे दिन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट श्रीमती गरिमा शर्मा, माइलस्टोन के चेयरमैन डॉ सुधीर शुक्ला, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के महेन्द्र श्रीवास्तव, एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखी विरुलकर, समाजसेवी रामउपकार तिवारी, संडेकैम्पस के संपादक दीपक रंजन दास विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी दर्शकों ने मोबाइल टार्च ऑन कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी देने का संकल्प लिया।