भिलाई। छत्तीसगढ़ की पहली आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में प्रवेश इसी सत्र से प्रारंभ होगा। विश्वविद्यालय के 54 में से 28 पाठ्यक्रमों में प्रवेश इसी सत्र से मिल जाएगा। ग्राम सांकरा में स्थापित इस विश्वविद्यालय में मानव चेतना, योगा, अल्टरनेटिव थेरेपी, थियोलॉजी और साइकोलॉजी, यज्ञ, ध्यान-साधना और सत्संग जैसे विषय भी शामिल हैं। शांतिकुंज हरिद्वार की योजना के मुताबिक यहां 54 कोर्स में पढ़ाई कराई जानी है। शुरुआत में उन 28 विषयों को शामिल किया गया है जिनमें युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना ज्यादा है। फिलहाल यहां छात्र रसायन, भौतिकी और गणित के साथ आयुर्वेस, गौ पालन आदि की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा यहां सूचना और प्रौद्योगिकी, थ्री-डी, विज्ञान तकनीक, एनिमेशन, पत्रकारिता, सामान्य पाठ्यक्रमों के साथ-साथ योग, धर्मशास्त्र, भारतीय दर्शन, वेद-पुराण, व्यक्तित्व विकास, सभ्यता और संस्कृति की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
कुम्हारी के सांकरा में विश्वविद्यालय की इमारत बनकर तैयार है। प्रशासनिक अकादमी और छात्र-छात्राओं के लिए क्लास को मिलाकर इस भवन मं 54 कक्ष हैं। पढ़ाई करने के लिए बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए कैम्पस में ही छात्रावास की व्यवस्था है। छात्रावास में फिलहाल 100 छात्रों को रखने की व्यवस्था की गई है।