दुर्ग। उच्चशिक्षा विभाग राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के निर्देश पर दुर्ग संभाग के महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है। नैक मूल्यांकित महाविद्यालयों को मेंटर एवं मूल्यांकन कराने वाले महाविद्यालयों को मेंटी के रूप में चिन्हित किया गया है। इस कार्यवाही के प्रारंभ में दुर्ग संभाग के नोडल महाविद्यालय शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में आईक्यूएसी के द्वारा 15 जुलाई को प्रातः 11.30 बजे संभाग स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में सभी महाविद्यालयों के नैक के मानदण्डों पर खरा उतरने हेतु आवश्यक तैयारियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ आरएन सिंह प्राचार्य शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग ने नैक के लिए रजिस्ट्रेशन कराने एसएसआर जमा करने तथा नैक के सभी 7 क्राइटेरिया से संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक बतायी।
डॉ जीए धनश्याम विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ रायपुर ने नैक के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए रिवाइस्ड एक्र्रीडिटेशन फ्रेमवर्क आरएएफ पर सटीक जानकारी दी। डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी सहायक प्राध्यापक शास.वि.या.ता.स्ना.स्व. महाविद्यालय ने नैक के क्राइटेरिया 1 करीकुलर आसपेक्ट पर बिंदुवार विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने माइक्रो प्लानिंग, आउटकम बेस्ट टीचिंग रूब्रीक्स एवं क्राइटेरिया 1 के सभी की इन्डीकेटर को सरल तरीके से समझाया। डॉ जगजीत कौर सलूजा नैक संयोजक ने क्राइटेरिया एवं उससे संबंधित टेम्पलेट्स पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं समझाया कि टेम्पलेट्स विशेष रूप से एसएसआर को किस प्रकार भरा जाये। इसके पश्चात् ओपन चर्चा सेशन में सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों का निराकरण किया गया।
कार्यक्रम में दुर्ग संभाग के 18 महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं उनके आईक्यूएसी कॉडिनेटर एवं आईक्यूएसी सदस्यों नैक कोऑर्डिनेटर मेंटर महाविद्यालय सहित कुल 93 प्रतिभागी उपस्थित थे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के आईक्यूएसी कॉडिनेटर डॉ. पद्मावती एवं अन्य सदस्य डॉ. के.पद्मावती डॉ. तरलोचन कौर संधू, डॉ. संजू सिन्हा, डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. दिलीप कुमार साहू, सीतेश्वरी चन्द्राकर एवं डॉ. सतीश कुमार सेन उपस्थित थे।