दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के इतिहास में पहली बार कोई परीक्षा पूर्णतः ऑनलाइन आयोजित हुई। पीएचडी कोर्सवर्क से जुड़ी इस परीक्षा का आयोजन सफल रहा। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत थी तथा इसमें घर पर बैठे शोधार्थी की हर गतिविधि पर कम्प्यूटर द्वारा नजर रखी गई। सभी शोधार्थियों ने ईमानदारी पूर्वक लिखित परीक्षा दी तथा किसी भी परीक्षा में प्रतिबंधित गतिविधियों का सहारा नहीं लिया।डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पीएचडी कोर्सवर्क की परीक्षा दो चरणों में आयोजित होती है। प्रथम चरण में बहुविकल्पीय प्रश्नों वाली लिखित परीक्षा ऑनलाईन आयोजित हुई। शोधार्थियों को 2 घंटे में 50 प्रश्न हल करने थे। 35 प्रश्न उनके विषय से संबंधित तथा 15 प्रश्न यूजीसी द्वारा जोड़े गये नैतिकता व शोध प्राविधि से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर केन्द्रित थे। प्रत्येक प्रश्न 2 अंकों का अर्थात् प्रथम प्रश्नपत्र 100 अंकों का था। शोधार्थी को इनमें से 55 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। छः शोधार्थियों द्वारा अपने परीक्षा आवेदन पत्र में विषय का नाम गलत उल्लेखित करने के कारण परीक्षा के आरंभ में उन्हें परीक्षा आवेदन पत्र के अनुसार दूसरे विषय का प्रश्नपत्र प्राप्त हो गया था, परन्तु शोधार्थियों द्वारा इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये जाने के तत्काल बाद उन्हें सही प्रश्नपत्र उपलब्ध करा दिया गया।
द्वितीय चरण में 9 दिसंबर से 14 दिसंबर 2020 तक शोधार्थी अपने विषय से पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण देंगे। परीक्षा उपकुलसचिव डॉ राजमणि पटेल ने बताया कि 16 विषयों में 151 शोधार्थी विश्वविद्यालय की समय सारिणी के अनुसार तीन केन्द्रों हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, साइंस कॉलेज दुर्ग तथा शास. कन्या पीजी कॉलेज दुर्ग में पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण देंगे। यह भी 100 अंकों का होगा। जिसका मूल्यांकन आंतरिक एवं बाह्य विशेषज्ञ मिलकर करेंगे। प्रस्तुतिकरण के दौरान शोधार्थी को अपनी प्रोजेक्ट की हार्डकापी 3 प्रतियों में संबंधित प्रस्तुतिकरण केन्द्र पर जमा करनी होगी। प्रत्येक शोधर्थी प्रस्तुतिकरण के दौरान उनके शोध निर्देशक की उपस्थिति भी अनिवार्य है। दोनों चरणों के प्राप्तांक प्राप्त होने पर दुर्ग विश्वविद्यालय शोधार्थियों के पीएचडी कोर्सवर्क के परीक्षा परिणाम शीघ्र जारी करेगा।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाईन लिखित परीक्षा के सुचारू ढंग से पारदर्शिता युक्त आयोजन हेतु शोधार्थियों के प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलपति डॉ अरूणा पल्टा को धन्यवाद दिया तथा इसी प्रणाली पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2021 भी आयोजित करने का आग्रह किया। विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने हेतु दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा 2 दिसंबर 2020 को मॉकटेस्ट भी आयोजित कराया गया था।