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स्वरूपानंद कालेज में निराला जयन्ती एवं बसंत पंचमी पर कविता पाठ

Feb 18, 2021

Nirala Jayanti and Basant Panchami at Swaroopanand Collegeभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के महिला सेल द्वारा कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के जन्म दिवस और बसंत पंचमी के अवसर पर कविता पाठ का आयोजन किया गया। 40 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ. तृषा शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं के व्यक्तित्व के विकास हेतु किया जा रहा है निराला जी के जन्मदिवस पर उनको याद करके श्रद्धा सुमन अर्पित करना है।प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने सभी छात्राओं को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद दिया उन्होंने कहा कि समय-समय पर कार्यक्रम करवाना चाहिए और सभी विद्यार्थियों को अपनी सहभागिता देनी चाहिए महाविद्यालय लगातार इस दिशा में प्रयासरत रहता है।महाविद्यालय की सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिए महिला सेल को बधाई दी और कहा कि आज के दिन से ही प्राचीन समय में विद्या अध्ययन का आरंभ किया जाता था आज के दिन से ही बसंतोत्सव प्रारंभ होता है। व प्रकृति नये पुष्प व नये पत्तों के साथ अपना श्रृंगार करती है भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी का बहुत महत्व है ।
संगीता पाल बी.ए.ड तृतीय वर्ष की छात्रा ने सखि वसंत आया कविता का पाठ किया। रितिका बी.ए. तृतीय वर्ष में वर दे वीणा वादिनी वर दे का सस्वर पाठ किया। बी.ए.डप्रथम वर्ष की प्रियंका द्विवेदी ने निराला जी तोड़ती पत्थर देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर वह तोड़ती पत्थर पूर्णविराम इसके पश्चात प्राची चौहान बी.ए.ड प्रथम की छात्रा ने मैं अकेला शीर्षक से सस्वर कविता का पाठ करके एक अलग ही समा बांध लिया।
बी.ए.ड प्रथम वर्ष की पल्लवी यादव ने निराला जी की इम्तिहान कविता का पाठ किया। कार्यक्रम में प्राध्यापकों ने भी हिस्सा लिया शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ रचना पांडे ने अपनी स्वरचित कविता का पाठ किया शीत ऋतु का देखो, कैसा सुनहरा अंत हुआ हरियाली फैली है चारों ओर स्वागत ऋतु बसंत का हुआ।
श्रीमती मंजू कनौजिया सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने सरल तार नवल गान नव नव स्वर के वितान कविता का पाठ किया।
सहायक प्राध्यापक श्रीमती उषा साहू ने विद्यार्थियों को बसंत पंचमी की बधाई दी और विद्यार्थियों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
महाविद्यालय के प्रांगण में स्थित वीणापाणि मंदिर में भी बसंत पंचमी के अवसर पर कोरोना के नियमों का पालन करते हुए बसंत पंचमी का उत्सव मनाया गया और मां सरस्वती की आराधना की गई।

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