दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एलमनाई मीटिंग में छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचल के साथ ही प्रदेश से बाहर रह रहे सैकड़ों भूतपूर्व छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शामिल हुए। यह जानकारी वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ रंजना श्रीवास्तव व मीटिंग के आयोजक सचिव डॉ जी. एस. ठाकुर ने दी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर एन सिंह ने सभी छात्रों से महाविद्यालय एवं वनस्पति शास्त्र विभाग की श्रेष्ठता के लिए अपना योगदान देने को कहा। उन्होंने कहा, इस महाविद्यालय ने आपको सबकुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ दिया है। आप जहां भी कार्य कर रहे हैं वहां के नियुक्ति पत्र की प्रतिलिपि अवश्य भेजें ताकि उससे नये छात्रों को प्रेरणा मिले। साथ ही एलमनाई एसोसियेशन की सदस्यता ग्रहण करने की अपील की। यह नैक मूल्यांकन के लिए जरूरी है। डॉ. रंजना श्रीवास्तव ने छात्रों से कहा कि इस विभाग से आपकी यादें जुड़ी हैं। आपकी सहभागिता और अच्छे सुझाव से विभाग को नई दिशा मिलेगी। डॉ जी एस ठाकुर ने सभी भूत पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें अपने साथियों और प्राध्यापकों के साथ बिताए लमहों को पुनर्जीवित करने एवं अच्छे सुझाव हेतु बारी-बारी से आमंत्रित किया।
केन्द्रीय विद्यालय केरल में प्राचार्य के पद पर कार्यरत डॉ. शुभा पिल्लई ने अपने शिक्षकों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एलमनाई मीटिंग पुरानी यादों को साझा करने का बहुत अच्छा मंच है।
गोहाटी असम में स्वयं का बांस पौध संवर्धन उद्योग स्थापित करने वाले छात्र डॉ रामनारायण पाण्डें ने अपना उद्योग स्थापित कर सफल उद्यमी कैसे बना जा सकता है इस विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
डॉ सतीश कुमार सेन सहायक प्राध्यापक विज्ञान महाविद्यालय, दुर्ग डॉ भावना पाण्डे सहायक प्राध्यापक महिला महाविद्यालय भिलाई, मनीष जैन सचिव अपोलो ग्रुप ऑफ कॉलेज अंजोरा, ज्योत्सना तिवारी, सहायक संचालक वित्त विभाग हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, मीनाक्षी वर्मा व्याख्याता शास. उ. मा. वि. ढौर, मलयाज दुबे महर्षि विद्यामंदिर रायपुर,डॉ वंदना ढंढोरे तथा अन्य भूतपूर्व छात्रों ने अपने पुराने संस्मरण को साझा किया।
वनस्पतिशास्त्र विभाग की प्राध्यापक डॉ के. आई. टोप्पों ने सभी छात्रों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन एलमनाई मीटिंग के सचिव डॉ जी. एस. ठाकुर ने किया व धन्यवाद ज्ञापन डॉ श्रीराम कुंजाम सहायक प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र ने किया। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ गायत्री पाण्डेय, डॉ विजय लक्ष्मी नायडू, शोध एवं स्नातकोत्तर के सभी विद्यार्थी भी उपस्थित थे।