दुर्ग। हाल ही में भारत के पश्चिमी एवं दक्षिणी तट पर कहर बरपाने वाले चक्रवाती तूफान “ताऊते” का मतलब होता है – खतरनाक छिपकली। यह नाम म्यांमार ने सुझाया था। समुद्री तूफानों के नामकरण की एक बेहद रोचक दास्तान है। यह नामकरण कैसे और किसके द्वारा किया जाता है – बता रहे हैं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव। डॉ श्रीवास्तव अंचल के जाने माने भूगर्भशास्त्री एवं वरिष्ठ प्राध्यापक हैं।डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले सप्ताह “ताऊते” ने गोवा, दमन एवं दीव, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु आदि में भयंकर तबाही मचाई। अब बंगाल की खाड़ी में पूर्वी मध्य हिस्से पर निर्मित कम दाब के क्षेत्र के कारण निर्मित होने वाले चक्रवाती तूफान “यास“ का भय सता रहा है। उन्होंने बताया कि इन चक्रवाती तूफानों का नामकरण कौन और कैसे करता है? तूफानों का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशांत महासागर क्षेत्र में उठने वाले भयंकर तूफानी चक्रवातों तथा हरीकेन का नामकरण वैश्विक स्तर पर किया जाता है। इस नामकरण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि यदि हवा की रफ्तार लगभग 40 मील प्रति घंटा के आसपास हो तो उसे चक्रवात या आंधी कहा जाता है परंतु हवा की गति 75 मील प्रति घंटा या अधिक होने पर उसे हरीकेन की संज्ञा दी जाती है। स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित विश्व मौसम संगठन पहले से ही प्रत्येक आगामी वर्ष हेतु लगभग 20 चक्रवाती तूफानों अथवा हरीकेन के नाम की सूची जारी कर देता है। इसी सूची के अनुसार क्रमशः आने वाले तूफानों का नामकरण किया जाता है।
वर्ष 2021 के लिये इसप्रकार के तूफानों की सूची जारी कर दी गई है परंतु सूची प्रशांत महासागर तथा अटलांटिक महासागर क्षेत्र में आनेवाले चक्रवातों से ही संबंधित है। यदि किसी वर्ष 20 से ज्यादा चक्रवाती तूफान आ जायें तो एक अतिरिक्त सूची भी तैयार रहती है।
जहां तक हमारे एशिया महाद्वीप का प्रश्न है तो इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि अरब सागर, हिंद महासागर तथा बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवाती तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया अलग है। इस नामकरण में एशियाई देशों में यह स्वीकार्य है कि जब चक्रवाती तूफान में हवा की गति 40 मील प्रति घंटा से अधिक होगी तभी इस सूची में से उस चक्रवाती तूफान का नामकरण किया जायेगा। इस सूची को नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम केंद्र ने 2020 के मध्य में जारी किया है। इस सूची की समाप्ति के पश्चात् नई सूची जारी होगी। वर्तमान में जारी सूची के मुताबिक ताऊते चक्रवाती तूफान के पश्चात् आने वाले तूफान का नाम “यास“ होगा। इसके पश्चात् आने वाले चक्रवाती तूफानों के नाम क्रमशः गुलाब, शाहीन, जावद, असानी, सितरंग, मंडौस तथा मोचा नाम से किया जायेगा। नामकरण करने वाले देशों में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, कतर, थाइलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा यमन शामिल हैं।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान “ताऊते“ का नाम म्यांमार द्वारा दिया गया था। बर्मी भाषा में इसका अर्थ होता है खतरनाक छिपकली। अगले आने वाले चक्रवाती तूफान “यास“ कानामकरण ओमान द्वारा दिया गया है। चक्रवाती तूफानों के आने की पूर्व सूचना चार चरणों में दी जाती है। प्रथम चरण में 72 घंटे पहले, द्वितीय चरण में 48 घंटे पूर्व, तृतीय चरण में 24 घंटे पूर्व तथा चतुर्थ चरण में 12 घंटे पूर्व चक्रवाती तूफान की गति, वर्तमान में लोकेशन, तीव्रता, आदि की सूचना प्रसारित की जाती है।
वर्ष 2021 में आने वाले संभावित चक्रवाती तूफानों के नामकरण की सूची तथा उस नाम को प्रस्तावित करने वाले देशों की सूची निम्नानुसार है-
देश चक्रवाती तूफान का नाम
बांग्लादेश – निसर्ग
भारत – गति
ईरान – निवार
मालदीप – बुरेवी
म्यामार – ताऊते
ओमान – यास
पाकिस्तान – गुलाब
कतर – शाहीन
सऊदी अरब – जावद
श्रीलंका – असानी
थाइलैंड – सितरंग
संयुक्त अरब अमीरात – मंदौस
यमन – मोचा
इस प्रकार “यास“ तूफान के पश्चात् आने वाले अगले तूफान का नाम “गुलाब“ होगा जो पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित होगा।