भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय के माईक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा दिनांक 23 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विश्व खाद्य दिवस का आयोजन हर वर्ष एफ.ए.ओ. द्वारा किया जाता है। जिससे विश्व में खाद्द्यानों की कमी न हो और सभी को पोषक आहार प्राप्त हो। विश्व में कोई भी भूखा न रहे। इस वर्ष खाद्य दिवस का मूल विषय हमारी क्रिया ही हमारा भविष्य है, उन्नत, उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण, बेहतर जीवन हैं। इस उपलक्ष्य पर महाविद्यालय के सी.ओ.ओ. डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन करने से विद्यार्थी में पारंपरिक खाद्य पदार्थो की महत्ता एवं उपयोगिता को समझ सकेंगे।
माईक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए बेग ने कहा कि हम विद्यार्थियों में खाद्य पदार्थो के महत्व एवं उनकी उपयोगिता को बताकर उसके सही तरीके से बचत कर प्रत्येक व्यक्ति तक पोषक आहार पहुंचाने में मदद कर सकते है। लोगों में जागरुकता ला सकते है। बेहतर पोषण मिलने से व्यक्ति स्वस्थ्य एवं निरोगी रहता है। साथ ही हम अपने पर्यावरण को हरा भरा एवं बेहतर बना सकते है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से हम विद्यार्थियों को उनके प्रदेश के विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों से अवगत कराकर खाद्यानों के महत्व से परिचित करा सकते है।
उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसेन ने कहा कि महाविद्यालय के प्रतियोगी विद्यार्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसे चीला, चौंसेला, बोबरा, बड़ा आदि पारंपरिक व्यंजन बना खान-पान एवं अपनी संस्कृति परंपरा से अवगत हो सकेंगे। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता दी। निर्णायक की भूमिका डॉ. पूनम निकुंभ ने किया। इस अवसर पर विभाग के समस्त प्राध्यापक उपस्थित थे। प्रतियोगिता के परिणाम निम्न प्रकार है – प्रथम नेहा साहू, उन्नती पाण्डेय, श्रुति जोशी, दामिनी साहू, द्वितीय – प्रियंका साहू, दीक्षा सेन, साक्षी उमेश कुमार तथा तृतीय – वंदना पाण्डेय – एम.एस.सी. प्रथम सेमेस्टर गणित।