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जब-जब अवसर मिला, बेटियों ने दिखाया अपना दम – डॉ श्रीलेखा

Jan 24, 2022
Rashtriya Bakia Divas observed at MJ College

भिलाई। एमजे कालेज में आज राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की आईक्यूएसी द्वारा ब्लेंडेड मोड में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थी ऑनलाइन शामिल हुए। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि बेटियों को जब-जब अवसर मिला, उन्होंने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है और अपनी श्रेष्ठता भी साबित की है।


विचारगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अनादि काल से स्त्री जाति का सम्मान शक्ति के रूप में करता आ रहा है। देवताओं से अधिक यहां देवियां पूजी जाती हैं। मुगलों के आने के बाद महिलाओं की भूमिका जरूर बदली पर आजादी के पहले शंखनाद से लेकर आजादी मिलने तक की लड़ाई में उसने अग्रणी भूमिका निभाई। आजाद भारत में उसे अवसर मिले तो शिक्षा, चिकित्सा, शोध, सेना से लेकर उद्यमिता के क्षेत्र में भी उसने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि 24 जनवरी 1966 को भारत को इंदिरा गांधी के रूप में अपना पहला महिला प्रधानमंत्री मिला। इस तिथि को यादगार बनाने के लिए बालिका दिवस की स्थापना की गई। बाद के वर्षों में इसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से जोड़कर देखा जाने लगा। आबादी का आधा हिस्सा महिलाओं का होता है। महिलाएं बेहतर प्रबंधक होती हैं। विभिन्न चुनौती पूर्ण स्थितियों का सामना करने के गुण उसमें स्वाभाविक रूप से होते हैं। किसी भी देश के समग्र विकास में उनकी अहम भूमिका होती है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने कहा कि आज शिक्षण और उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्राओं की संख्या ही ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जब वहां की सभी महिलाएं शिक्षित हो जाएंगी तभी हम गरीबी, कुपोषण, नशाखोरी और जुआ जैसी बीमारियों को समाज से दूर कर पाएंगे।
शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने कहा कि भारत में महिला स्व सहायता समूहों ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं यदि ठान लें तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं। उन्होंने न केवल गरीबी का चक्र तोड़ा है बल्कि उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपने झंडे गाड़े हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी उनके वित्तीय प्रबंधन की कायल हैं।
कार्यक्रम को आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय, वाणिज्य एवं प्रबंध संकाय तथा विज्ञान संकाय के सहायक प्राध्यापकों ने भी संबोधित किया।

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