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मातृभाषा दिवस पर स्वरूपानंद कालेज में विविध कार्यक्रम

Feb 23, 2022
Matrubhasha Divas observed at SSSSMV

भिलाई। स्वरूपानंद महाविद्यालय की यूजीसी समिति, शिक्षा विभाग एवं कला विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करने हेतु अंतर विभागीय बहुभाषी विचार अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार किया गया।कार्यक्रम संयोजिका डॉक्टर पूनम निकुम्भ ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता और बहु भाषावाद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना राष्ट्र में प्रचलित सभी भाषाओं एवं बोलियों का सम्मान करना है। संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा एवं डॉ शमा बैग ने बतायाए कि दुनिया भर में अपनी संस्कृति के प्रति रुझान पैदा करनाए जागरूकता फैलाना ही इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है। भाषा वह डोर है जो सब को एक सूत्र में पिरोती है ।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि हमारी मातृभाषा हमारी संस्कृति है और राष्ट्रीयता की परिचायक होने के अलावा हमारे व्यक्तित्व को भी परिभाषित करती है। यह दिवस विश्व भर में लोगों के भीतर भाषाओं के प्रति लगावए संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देता है। वास्तव में भाषा वह आईना है जिसमें व्यक्ति की संस्कृति और सभ्यता झलकती है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर बधाई देते हुए कहा मातृभाषा से आत्मीयता का बोध होता है इसमें अपने विचारों को व्यक्त करने में हर्ष का अनुभव होता हैद्य मातृभाषा से संस्कृति और सभ्यता का संवहन होता है। विविध भाषाएं विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ती है। जिसमें संवाद स्थापित करने वाले के व्यक्तित्व का विकास होता है। मातृभाषा गौरव का परिचायक हैए और इस गौरव का भान तभी हो सकता हैए जब मातृभाषा में शिक्षाए संचार और नौकरी सुगम हो।
डॉक्टर अज़रा हुसैन ने कहा हमारी मातृभाषा हमारी जिंदगी में अहम भूमिका निभाता हैद्य भारतीय भाषाओं के संरक्षण और युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मात्र मातृभाषा में शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है।
इस वर्ष की थीम सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत को बचाने के लिए रखी गई है जो इस प्रकार है. बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग चुनौतियां और अवसर। इस अवसर पर महाविद्यालय में विचारों की अभिव्यक्ति प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया कोमल देवांगन एमएससी माइक्रोबायोलॉजी ने इस अवसर पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की इन पंक्तियों को अपना प्रेरक वाक्य बताया कि मैं अच्छा वैज्ञानिक इसलिए बना क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा मातृभाषा में प्राप्त की।
दीपिका, बीएड द्वितीय सेमेस्टर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा विश्व भर में ईक्कीस फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ी राज गीत प्रस्तुत किया गया। बीएड विद्यार्थी जवाहर लाल ने मातृभाषा छत्तीसगढ़ी में अपनी स्वरचित रचना प्रस्तुत की। छत्तीसगढ़ में रचे बसे हैं माटी मोर पहचान हरे। स्कूल के तीर मा रथो पेढ़ी मोर गाँव हरे। बीएड के छात्र गिरजानंद ने छत्तीसगढ़ में अपनी बोली की मधुरता के बारे में विचार व्यक्त किये।
रोशन पात्रे ने छत्तीसगढ़ी पहेली के विषय में बताया व विभिन्न पहेलियां से अवगत भी कराया। ईरेंद्र राव ने छत्तीसगढ़ी कविता के माध्यम से भाई.बहन के प्रेम का वर्णन किया। श्याम सुंदर ने तेलुगू, शकीबा ने उर्दू, डेनिश ने मलयालम में अपने विचारों को व्यक्त किया।
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे एमएससी माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा कोमल देवांगन प्रथम शाकिबा एवं डेनिस कुमार द्वितीय स्थान पर रहे। श्याम सुंदर पटनायक तृतीय स्थान पर रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने अपनी मातृभाषा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संकल्प लिया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन पूनम निकुम्भ ने किया।

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