दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा का मानना है कि परिवार में कोई भी निर्णय लेने से पहले महिलाओं का परामर्श लेना चाहिए। परिवार में महिला चाहे शिक्षित हो अथवा अशिक्षित, पारिवारिक निर्णयों में महिला की भागीदारी अवश्य होनी चाहिए। इससे पुरूषों विशेषकर युवा एवं बच्चों में प्रारंभ से ही महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है।
डॉ. पल्टा विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता हैं। डॉ. पल्टा ने टैगोर हॉल में बड़ी संख्या में उपस्थित महिला एवं पुरूषों से आव्हान किया कि पूरे वर्ष भर महिलाओं को सम्मान के दृष्टि से देखें। महिलाओं का सम्मान करने से पूरे समाज का विकास होता है।
संचालक, डॉ आर.पी. अग्रवाल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी तथा समाजिक उत्थान में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया। राज्यपुलिस सेवा की अधिकारी एवं उतई थाने की टी आई नवी मोनिका पाण्डेय, कला जगत से प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना डॉ. सरिता श्रीवास्तव, व्यख्याता, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, धनोरा, दुर्ग, प्रशासनिक अधिकारी के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र की जनरल मैनेजर प्रीति भटनागर, वरिष्ठ अधिवक्ता तथा दुर्ग अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष, नीता जैन, वरिष्ठ पर्यावरण विद, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर, डॉ. अनिता सावंत, प्रसिद्ध उद्यमी तथा आंत्रप्रिन्योर ममता गोवर्धन के साथ-साथ विश्वविद्यालय की समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे। सभी सम्मानित महिलाओं ने मिलकर अंत में कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा को सम्मानित किया।
आरंभ में कुलसचिव, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने सभी महिलाओं का स्वागत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि विगत दो वर्षों से विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान करता आ रहा है।
डॉ. सरिता श्रीवास्तव ने गंगा अवतरण का छोटा सा प्रसंग प्रस्तुत किया। डॉ. अनिता सावंत ने पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की सहभागिता पर जोर दिया। प्रीति भटनागर ने महिलाओं से आव्हान किया कि वे स्वयं का सम्मान करें तथा अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाने। अधिवक्ता नीता जैन ने महिलाओं को जगत जननी निरूपित करते हुए कहा कि पुरूष एवं महिला समाज के दो प्रमुख स्तंभ हैं जो कि एक दूसरे के पूरक है। उद्यमी ममता गोवर्धन ने ग्रामीण अंचल में रहने वाली महिलाओं को स्वरोजगार की तरफ प्रेरित कर उनका मनोबल बढ़ाने की बात रखीं। पुलिस अधिकारी नवी मोनिका पांडे ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें बाल्यावस्था से ही बच्चों को महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय में कार्यरत 25 महिला कर्मियों को भी कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने सम्मानित किया।
धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव, डॉ. सुमीत अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।