भिलाई। मां का दूध न केवल शिशु के लिए अमृत है बल्कि यह खुद उसे भी सौ मुसीबतों से बचाता है। मां के एक बूंद दूध में एक लाख योद्धा छिपे होते हैं जो शिशु को बीमारियों से बचाते हैं। उक्त बातें आज एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग में पूरक भोजन पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमीनार को संबोधित करते हुए सीसीएम मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक्स के प्रोफेसर डॉ ओमेश खुराना ने कहीं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक भाव से थोड़ी थोड़ी देर में स्तनपान कराने से दूध की मात्रा अपने आप ही बढ़ने लगती है।
उन्होंने कहा कि जन्म के बाद एक घंटे के भीतर शिशु को मां का दूध पिलाना चाहिए। इसमें कोलस्ट्रम होता है जो शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। यह उसके मस्तिष्क का विकास भी सुनिश्चित करता है। छह माह तक दूध ही शिशु के लिए सम्पूर्ण आहार है जिसमें पानी से लेकर पोषण तक सबकुछ होता है। पर इसके बाद बढ़ते शरीर को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है पर इसे भी घर पर ही तैयार किया जाना चाहिए। पर स्तनपान को दो वर्ष की उम्र तक जारी रखना चाहिए। स्तन पान कराना स्वयं प्रसूता के लिए भी अच्छा होता है। इससे वजन नियंत्रण में आता है, गर्भाशय पूर्वावस्था में लौटता है और रक्तस्राव भी कम होता है। उन्होंने इसके लिए अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और करीना कपूर का हवाला भी दिया।
प्रश्नोत्तरी सत्र में रिसोर्स पर्सन डॉ एजे गणवीर एवं डॉ सीबी देवांगन ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिये। बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष की छात्राओं ने इस अवसर पर एक रोल-प्ले का भी मंचन किया जिसमें सुखाद्य और कुखाद्य के शरीर और विकास पर पढ़ने वाले प्रभाव को बेहद रोचक तरीके से दर्शाया गया। विद्यार्थियों ने छह माह के बाद शिशु को दिए जाने वाले अतिरिक्त पोषण आहार पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जिसका तीनों शिशु रोग विशेषज्ञों ने अवलोकन किया और सुझाव भी दिये।
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की सहमति से यह आयोजन इंडियन एकेडेमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) तथा ब्रेस्ट फीडिंग प्रोमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (बीपीएनआई) के सहयोग से किया गया था। आरंभ में सीनियर फैकल्टी ममता सिन्हा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा अतिथियों का परिचय प्रदान किया। प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन तथा उप प्राचार्य सिजी थॉमस ने अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में नर्सिंग के फैकल्टीज तथा स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे।