रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में अगले सत्र से बीई-बीटेक की पढ़ाई हिन्दी में प्रारंभ हो जाएगी। प्रथम वर्ष के लिए पांच पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं। इनमें इंजीनियरिंग ग्राफिक्स एंड डिजाइन, एप्लायड फिजिक्स, बेसिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, वर्कशाॅप मैन्युअल एंड प्रैक्टिसेस और एप्लायड केमिस्ट्री की पुस्तकों को हिंदी में तैयार किया है। कुछ किताबें अनूदित हैं तो कुछ नई लिखी गई हैं। हालांकि गाइड छापने वाले यहां भी बाजी मैरे बैठे हैं। इंजीनियरिंग के गाइड काफी समय से हिन्दी में उपलब्ध हैं।
राज्य में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई और परीक्षा में हिन्दी और इंग्लिश का विकल्प पहले से है। यहां के प्रश्न पत्र भी द्विभाषी होते हैं। अब इंजीनियरिंग में भी ऐसा ही होगा। इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर में सभी छात्र मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री, इंग्लिश के अलावा इंजीनियरिंग के बेसिक पढ़ाई करते हैं, इसमें काॅमन सब्जेक्ट रहते हैं। इसलिए फर्स्ट ईयर से ही इसकी शुरुआत होगी।
दरअसल आने वाले कुछ साल में ही देशभर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई इंग्लिश के अलावा हिंदी व अन्य भाषाओं में होगी, जिसकी तैयारी चल रही है। तकनीक शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) इस काम में लगी है। अफसरों ने बताया कि यहां अभी 5 किताबें तैयार की गई हैं। हिंदी की बाकी किताबें देशभर के संस्थानों से ली जाएंगी, जो वहां तैयार की जा रही हैं।
तकनीकी शब्द हिन्दी के अलावा अंग्रेजी में भी होंगे ताकि उन्हें आसानी से समझा जा सके। शिक्षाविदों का मानना है कि इंजीनियरिंग की पूरी पढ़ाई इंग्लिश में होने की वजह से हिंदी मीडियम के कई छात्र फर्स्ट ईयर में फेल हो जाते हैं, या फिर कई-कई विषयों में बैक लग जाता है। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर देश के बड़े संस्थानों में जाने वाले छात्रों को इंग्लिश की वजह से ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ में इस समय 33 कॉलेजों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो रही है। इन कॉलेजों में कुल 11291 सीटें हैं। पिछले दिनों व्यापमं ने प्री इंजीनियरिंग टेस्ट यानी पीईटी के नतीजे जारी किए। इस परीक्षा में करीब 12 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे।