भिलाई। शहर में हेपेटाइटिस-ए के मरीज बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में इसके 4-5 मामले पहुंचे हैं। दूषित पेयजल और अस्वच्छता को इस बीमारी की प्रमुख वजह माना जाता है। यह एक विषाणु जनित रोग है जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। इसे यकृतशोथ भी कहते हैं। इलाज में लापरवाही होने पर मरीज की मृत्यु हो सकती है।
हाइटेक सुपर स्पेशालिटी ह़ॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि आम तौर पर लोग इसके आरंभिक लक्षणों को नकार देते हैं। इससे रोग बढ़ जाता है और स्थिति गंभीर हो जाती है। हेपेटाइटिस-ए संक्रमित होने पर रोगी को भूख नहीं लगती, पेट दर्द, जी मिचलाना, उलटी-दस्त और थकान की शिकायत हो सकती है। मरीज को बुखार आता है और आंखें तथा मूत्र का रंग पीला हो जाता है। रोग बढ़ने पर त्वचा भी पीली पड़ जाती है।
डॉ देवांगन ने कहा कि आरंभिक लक्षण दिखने पर तत्काल डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। बचाव के लिए पेयजल और भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखा जाना जरूरी है। यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल और इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। इसके लक्षण प्रकट होने से पहले और बीमारी के प्रथम सप्ताह में अंडाणु तैयार होने के पंद्रह से पैंतालीस दिन के बीच रोगी व्यक्ति के मल से यकृतशोथ का विषाणु फैलता है। रक्त एवं शरीर के अन्य द्रव्य भी संक्रामक हो सकते हैं।