भिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के तत्वावधान में संचालित आरएसआर-रुंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सीएसई विभाग को सीएसवीटीयू से अनुसंधान केंद्र के रूप में मान्यता मिली है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार तकनीकी संस्थानों में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देती है। सीएसवीटीयू से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थी यहां रिसर्च स्कॉलर के रूप में पीएचडी कर सकते हैं।
एसआरजीआई में अकादमिक अनुसंधान का उद्देश्य भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने से लेकर भविष्य के लिए नवाचार तक दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं के लिए अभिनव समाधान विकसित करना है। दुनिया भर के अग्रणी अनुसंधान संस्थानों और संघ के साथ रचनात्मक सहयोग के माध्यम से अनुसंधान प्रयासों को बढ़ाया जाता है। हाल ही में आई आई टी रुड़की के सहयोग से आरएसआर आरसीईटी वर्चुअल लैब के लिए एक नोडल केंद्र बन गया है।
उम्मीदवार अपने स्वयं के संबंधित विषय में या अनुसंधान में अंतःविषय विषयों में अकादमिक शोध कर सकते हैं। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में विशिष्ट प्रोफेसर विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित अनुसंधान कार्य के लिए उपलब्ध हैं। भविष्य में वांछनीय योग्यता वाले उम्मीदवार शोध केंद्र से पीएच.डी के लिए पंजीकरण करने के पात्र होंगे।
मान्यता के अवसर पर एसआरजीआई के चेयरमैन संजय रूंगटा, डायरेक्टर साकेत रूंगटा, असिस्टैंट डायरेक्टर शाजिद अंसारी और संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. पंकज अग्रवाल ने छात्रों को बधाई दी।