रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा है तुलसी गांव. इस गांव के 3000 बाशिंदों में से 1000 लोग सोशल मीडिया पर लोगों को एंटरनेट करते हैं. अधिकांश कलाकार छत्तीसगढ़ी में कॉमेडी करते हैं. यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम पर इनके लाखों फालोअर्स हैं. प्रतिमाह 35 से 40 हजार की कमाई भी हो रही है जिससे वे बेहतर इक्विपमेंट्स खरीद रहे हैं. इस गांव के पास कुल 6 यूट्यूब चैनल हैं। हर हफ्ते एक नया वीडियो डाला जाता है. Being Chhattisgarhiya और Nimga Chhattisgarhiya चैनल के एक-एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं.
न्यूज पोर्टल livehidustan.com ने खबर दी है कि Being Chhattisgarhiya गांव का पहला यूट्यूब चैनल है. Being Chhattisgarhiya के कलाकार जय वर्मा कहते हैं कि पहले तो हिंदी में वीडियो बनाते थे पर छत्तीसगढ़ी को मिले प्रतिसाद को देखते हुए उन्होंने वीडियो की भाषा बदल दी. आम तौर पर वीडियो सामाजिक या पर्यावरण के मुद्दे पर होते हैं. इनमें से एक वीडियो को 2,71,000 से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
एक अन्य कलाकार ज्ञानेंद्र शुक्ला कहते हैं कि अब हमारा गांव कॉमेडियन गांव के नाम से अब जाना जा रहा है. सबसे छोटा कलाकार 7 साल का तो सबसे बड़ा 60 साल का है. कलाकार मनोज वर्मा बताते हैं कि गांव के कई लोग सोशल मीडिया स्टार बन चुके हैं. मनोज वर्मा और ममता साहू दोनों सोशल मीडिया स्टार हैं. 24 साल की पिंकी साहू के इंस्टाग्राम पर 12000 फॉलोवर हैं. इसके कारण गांव की भी किस्मत चमक गयी है. लोग इस गांव में घूमने और कलाकारों से मिलने आते हैं. कभी-कभी भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है जिसे संभालना मुश्किल हो जाता है.
मनोज बताते हैं कि वीडियो तो खूब चलता है लेकिन कमाई उतनी नहीं है. हर महीने 30,000-35,0000 रुपए बन जाते हैं. इसके एक हिस्से से कैमरा और बाकी जरूरी चीजें खरीदते हैं.
सोशल मीडिया पर लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. कैमरामैन, वीडियो एडिटर, स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए वे लोगों को पैसे भी दे रहे हैं. गांव का राहुल वीडियो एडिटिंग से हर हफ्ते 3,000 रुपए तक कमा लेता है.