भिलाई. आम धारणा है कि किडनी का स्टोन घरेलू इलाज से निकल जाता है. कुछ सब्जियों का जूस, कुछ कथित आयुर्वेदिक नुस्खे से लेकर लोग बीयर तक आजमा लेते हैं. पर इन घरेलू नुस्खों और नीम हकीमों की दवाई से कभी-कभी मरीज की जान पर बन आती है. भंडारा, महाराष्ट्र की इस मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ. जब तक मरीज आरोग्यम हॉस्पिटल पहुंची तब तक उसकी किडनी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी थी. अंततः सर्जरी कर बेकार हो चुकी किडनी को निकालना पड़ा.
यूरो-सर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि इसी महीने की 11 तारीख को 65 वर्षीय विजयकला बडोले आरोग्यम यूरोलॉजी एवं नेफ्रोलॉजी अस्पताल पहुंची. मरीज ने बताया कि किडनी की पथरी का उसने कई अस्पतालों में इलाज करवाया था. वह पिछले कई महीनों से दवा ले रही थी पर पथरी नहीं निकली. जांच करने पर पता चला कि उसकी दाहिनी किडनी में 3 सेन्टीमीटर से भी बड़ी पथरी थी. इसकी वजह से किडनी ने काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया था. दूसरी किडनी को भी इससे संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया था. दूरबीन पद्धति से सर्जरी कर मरीज की बेकार हो चुकी किडनी को निकाल दिया गया. मरीज की हालत में तेजी से सुधार हुआ और पांच दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ आरके साहू ने बताया कि किडनी की पथरी एक अत्यंत कष्टदायक समस्या है. पथरी खनिज और लवण से बने कठोर पदार्थ होते हैं जो कभी कभी अपने आप मूत्र के साथ निकल जाते हैं. पर यह उसके आकार प्रकार पर निर्भर करता है. यदि आकार बड़ा हो या उसकी स्थिति खतरनाक हो तो इंटरवेंशन की जरूरत पड़ती है. पर यह सुविधा केवल उन्हीं अस्पतालों में उपलब्ध होती है जहीं यूरो और नेफ्रो के विशेषज्ञ हों. किडनी स्टोन का पता लगने के बाद उसे किसी योग्य यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में ही निकालने का प्रयास करना चाहिए.