भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय प्रबंधन विभाग (बीबीए अंतिम वर्ष) के छात्रों को उद्योग के लिए तैयार करने के लिए स्नातकों के लिए टीसीएस यूथ एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण दिया गया. 40 छात्र इस ऑनलाइन प्रमाणन कार्यक्रम को पूरा करने में सफल हुए. यह कार्यक्रम गैर-तकनीकी छात्रों के लिए था. कार्यक्रम विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक पिछड़े छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया था. 100 घंटे के प्रशिक्षण के साथ ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों की क्षमता और उनके स्किल सेट की मैपिंग के साथ हुई. छात्रों को दिए जाने वाले सॉफ्ट-स्किल्स प्रशिक्षण के सेट के साथ एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया. छात्रों को क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा 3 विशेष महीनों के लिए कौशल प्रदान किया गया. प्रशिक्षण के बाद टीसीएस प्रशिक्षकों द्वारा परीक्षा आयोजित की गई और सफल छात्रों को डिजिटल प्रमाण पत्र दिए गए.
चूंकि श्री शंकराचार्य महाविद्यालय का वीवाईटी पीजी कॉलेज दुर्ग के साथ एक समझौता ज्ञापन है, इसलिए उनके छात्रों को भी भाग लेने और प्रमाणीकरण पूरा करने काअवसर दिया गया था. कार्यक्रम के परिणाम के अनुसार श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के एक बीबीए छात्र श्री वामशी कृष्णा ने गैर-तकनीकी पद पर टीसीएस में नौकरी प्राप्त की. प्रमाणन कार्यक्रम के दौरान दिए गए एक्सपोजर के बारे में छात्रों की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक थी. इसने उनमेंअपनी क्षमता तक प्रदर्शन करने का विश्वास भी जगाया है. छात्र ने महसूस किया कि कार्यक्रम ने शुरुआत में उन्हें आईने में अपना चेहरा दिखाया है और पाठ्यक्रम की यात्रा के दौरान उन्होंने विभिन्न कौशल सेट हासिल किए जो उन्हें भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं का सामना करने के लिए तैयार करेंगे. टीसीएस के कार्यक्रम समन्वयक शीना मैथ्यू और श्री रुबानारायण पांडा थे. मुख्य प्रशिक्षक विद्युतपरना बोरा थीं जो विलस्टोन एलएंडटी इंडिया की संस्थापक, निदेशक, लीडरशिप कोच, लाइफ कोच, स्टूडेंट कोच थीं. वाईईपी की समग्र प्रभारी सृष्टि गुप्ता हैं. यह टीसीएस की सीएसआर पहल है. कार्यक्रम के समन्वयकऔर एसएसएमवी के प्रतिनिधि अनिल मेनन और संदीप जशवंत थे. कॉलेज के प्राचार्य डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव और वाइस प्रिंसिपल डॉ अर्चना झा ने कार्यक्रम के सफल समापन के लिए प्रबंधन विभाग को बधाई दी. उन्होंने ऐसे कार्यक्रम की इच्छा व्यक्त की जो उद्योग संस्थान के इंटरफेस में मदद करे.