भिलाई. हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में सिग्मॉयड कोलोन कैंसर की सफल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic recto sigmoidectomy with left RPLND) की गई है. लैप्रोस्कोप से इस तरह की सर्जरी का संभवतः दुर्ग संभाग में यह पहला मामला है. हाइटेक में पेट के कैंसर की होने वाली यह चौथी सर्जरी है. इस जटिल सर्जरी में गैस्ट्रो सर्जन डॉ नवील कुमार शर्मा को साढ़े तीन घंटे से भी ज्यादा समय लगा. मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहा है. बुधवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
63 वर्षीय रमेश कुमार 28 अक्तूबर को हाइटेक पहुंचे थे. पिछले छह-आठ महीने से उन्हें शौच की तकलीफ थी. पेट के बाएं निचले हिस्से में दर्द था. इंटरनेट पर डाक्टर और अस्पताल का पता लगाने के बाद वे यहां पहुंचे थे. डॉ नवील शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ही मरीज की बड़ी आंत में गांठ होने का अनुमान लगा लिया गया था. सीटी स्कैन और कुछ अन्य जांचों के बाद मरीज की बड़ी आंत के अंतिम खण्ड में बड़ी गांठ का पता लगा जिसने मल के जाने का रास्ता रोक रखा था. आगे की जांच से इसमें कैंसर की पुष्टि हुई. अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ प्रशांत कसेर से सलाह मशविरे के बाद सर्जरी का निर्णय लिया गया. मरीज को सर्जरी के लिए नवम्बर के प्रथम सप्ताह में भर्ती कर लिया गया.
डॉ नवील शर्मा ने बताया कि गांठ काफी बड़ी थी और अपने आसपास की दीवारों से चिपकी हुई थी. इसके चलते उसे सुरक्षित निकालना एक बड़ी चुनौती थी. हम लैप्रोस्कोप से यह सर्जरी करने का बीड़ा उठाया और इसमें सफल रहे. सर्जरी के बाद मरीज की हालत में तेजी से सुधार हुआ. अब मरीज न केवल भोजन कर रहा है बल्कि शौच में भी उसे कोई दिक्कत नहीं है. मरीज की कीमोथेरेपी की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि हाइटेक में कैंसर के मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है. अब तक दर्जन भर से ज्यादा बड़ी कैंसर सर्जरियां की जा चुकी हैं. इसके अलावा कई मरीजों की कीमोथेरेपी भी हाईटेक में चल रही है.