अंडा-दुर्ग. शैलदेवी महाविद्यालय विज्ञान संकाय के अंतर्गत बीएससी प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण हेतु बस्तर संभाग के मानव विज्ञान केंद्र जगदलपुर, चित्रकूट जलप्रपात, बारसूर, दंतेश्वरी मंदिर, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान व तीरथगढ़ जलप्रपात का भ्रमण करवाया गया. इस चार दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने बहुत ही आनंद उठाया. भ्रमण का मुख्य उद्देश्य बस्तर संभाग के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व भौगोलिक केंद्रों से संबंधित तथ्यों की ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान करना था.
यात्रा की शुरुआत मानव विज्ञान केंद्र जगदलपुर से हुई जहां विद्यार्थियों ने बस्तर जनजातियों की संस्कृति और जीवन शैली तथा जनजातियों के इतिहास को नजदीकी से जाना. इस संग्रहालय में छात्र छात्राओं ने दुर्लभ संग्रह जैसे हेड कैप, जूते, गहने, संगीत वाद्य यंत्र, कपड़े, लकड़ी की नक्काशी, हथियार, मुखोटे, दैनिक जीवन में काम आने वाली विभिन्न वस्तुओं को करीब से देखा. यह संग्रहालय बस्तर के विभिन्न जनजातियों व जातीय संस्कृतियों के लिए एक खिड़की के रूप में कार्य करता है.
तत्पश्चात छात्र-छात्राओं ने छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात जिसे “भारत के नियाग्रा” के नाम से भी जाना जाता है उसे देखा. विद्यार्थियों को चित्रकूट जलप्रपात की खूबसूरती देखकर आनंद की अनुभूति प्राप्त हुई . संध्या काल में विद्यार्थियों को बारसूर मंदिर ले जाया गया. विद्यार्थियों ने इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश जी की दो मूर्तियों के दर्शन किए. इस प्रकार भ्रमण का द्वितीय दिवस विद्यार्थियों के लिए काफी आनंद पूर्वक रहा.
भ्रमण के तृतीय दिवस की शुरुआत माता दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन के साथ हुई. दंतेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित शक्तिपीठ है जो दंतेश्वरी माता को समर्पित है. दंतेश्वरी मंदिर बस्तर की सबसे सम्मानित देवी को समर्पित शक्तिपीठों में से एक है. माना जाता है कि देवी सती के दांत यहां गिरे थे इसलिए इस मंदिर को दंतेवाड़ा नाम दिया गया. तत्पश्चात विद्यार्थियों ने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण किया. इस दिवस के अंत में छात्र-छात्राओं ने तीरथगढ़ जलप्रपात की मनोरम दृश्य से दिव्यता को अनुभव किया. यह जलप्रपात जगदलपुर की दक्षिण- पश्चिम दिशा में 35 किलोमीटर दूर स्थित है. तीरथगढ़ भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है. विद्यार्थियों ने इस जलप्रपात पर पिकनिक स्पॉट का आनंद भी उठाया. इस प्रकार भ्रमण का तृतीय दिवस विद्यार्थियों के लिए काफी आनंदमय रहा. यह चार दिवसीय यात्रा तीरथगढ़ जलप्रपात पर आकर समाप्त हुई. यह भ्रमण महाविद्यालय के अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे के तत्वाधान में आयोजित किया गया और सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी और भविष्य में इसी प्रकार के अनुपम आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया.