महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक घर ऐसा भी है जहां लोग दो राज्यों के बाशिंदै हैं. इस घर के लिविंग रूम्स महाराष्ट्र में हैं तो किचन तेलंगाना में है. वैसे भी राज्य के अनेक गांवों की स्थिति ऐसी है कि वहां के बाशिंदे पड़ोसी राज्यों में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं. महाराष्ट्र के सीमावर्ती नांदेड जिले के कुछ गांवों ने तेलंगाना में तो आदिवासी बहुल (सुरगाना) नासिक के कुछ गांवों ने गुजरात में शामिल होने की इच्छा जताई है. वहीं 40 गांव के लोगों ने कर्नाटक में शामिल होने की इच्छा जताई है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पिछले दिनों यह जानकारी देकर हंगामा मचा दिया था कि महाराष्ट्र की सीमा से लगी जत तहसील के 40 गांवों ने कर्नाटक में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है. जब इसकी पड़ताल हुई तो एक अनोखे घर का पता लगा. चंद्रपुर के एक गांव महाराजगुड़ा में एक ऐसा अनोखा घर है जो महाराष्ट्र और तेलंगाना बॉर्डर के बीच फैला हुआ है. इस घर के 4 कमरे महाराष्ट्र में आते हैं जबकि 4 अन्य कमरे तेलंगाना राज्य में आते हैं. लिविंग रूम महाराष्ट्र में हैं तो किचन तेलंगाना में. घर वाले दोनों राज्यों की ग्राम पंचायतों के लिए करों का भुगतान कर रहे हैं। 1969 में हुई सीमा सर्वेक्षण में उनका आधा घर महाराष्ट्र में और आधा तेलंगाना में बताया गया. घर के मालिक, उत्तम पवार कहते हैं कि हम 13 लोग घर में एक साथ रहते हैं. उन्हें कोई परेशानी नहीं है. उनके बच्चे दोनों राज्यों के स्थानीय निवासी हैं.