भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक महिला का माइट्रल वाल्व रीप्लेस किया गया. महिला को दिल का दौरा पड़ने पर दुर्ग से हाइटेक लाया गया था. हाइटेक से चिकित्सा अधीक्षक एवं सीटीवीएस सर्जन डॉ रंजन सेनगुप्ता ने बताया कि महिला हृदय रोग की पुरानी मरीज है. अब तीन बच्चों की मां इस 40 वर्षीय महिला की पहली सर्जरी तब हुई थी जब वे 13-14 साल की थी. महिला की स्थिति अब बेहतर है. मंगलवार को भर्ती की गई मरीज को आज सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
डॉ रंजन सेनगुप्ता ने बताया कि दुर्ग निवासी इस महिला को जब अस्पताल लाया गया तब उसकी हालत बेहद नाजुक थी. मरीज की नाड़ी कभी बहुत धीमी तो कभी बहुत तेज चल रही थी. मरीज के फेफड़ों का दबाव काफी बढ़ा हुआ (लगभग 100 एमएमएचजी) था. इसे पल्मोनरी हाइपरटेंशन भी कहते हैं. सामान्य तौर पर यह दबाव 25 के करीब होता है.
डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि यह माइट्रल वाल्व स्नेटोसिस का मामला था. इसमें हृदय के दो कक्षों के बीच रक्त का प्रवाह रुक सा जाता है जिसके कारण हृदय को दुगनी ताकत से पम्प करना पड़ता है. वाल्व के सिकुड़न की वजह से ऐसा हो सकता है. ऐसी स्थिति में मरीज का जीवन बचाने के लिए वाल्व को बदलना जरूरी हो जाता है. पर इससे पहले पल्मोनरी हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने की जरूरत थी. कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश बख्शी ने मरीज को स्थिर किया तब कहीं जाकर सर्जरी संभव हुई.
उन्होंने बताया कि रूग्ण महिला पर यह सर्जरी करना काफी चुनौतीपूर्ण था. टीम ने पूरी सावधानी बरती और सर्जरी और इम्प्लांट की पूरी प्रक्रिया बिना किसी विघ्न के संपन्न हो गई. मरीज की हालत अब काफी अच्छी है. सोमवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.