भिलाई। लड़कियों को फटी जीन्स, नशाखोरी, तेज रफ्तार बाइक या गन रखने में लड़कों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए. ये कोई सूरमाओं वाले काम नहीं हैं. वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, अपनी पसंद का करियर चुनें, खूब तरक्की करें और समाज के लिए अनुकरणनीय बनें. उक्त बातें दुर्ग के जिला पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने कहीं. वे मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित महिला इंस्पायर अवार्ड्स समारोह को संबोधित कर रहे थे.
डॉ पल्लव ने कहा कि आज समाज विसंगतियों में उलझ गया है जिससे केवल महिलाएं ही उसे निकाल सकती हैं. हर काम का एक वक्त होता है. इसमें विवाह और संतानोत्पत्ति जैसे कार्य भी शामिल हैं. समय पर खुद बच्चा नहीं चाहते और बाद में प्रकृति उनसे सहज मातृत्व का सुख छीन लेती है. जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो माता-पिता अपने करियर में उलझे रहते हैं. जब इन्हें फुर्सत मिलती है तब तक बच्चे बड़े हो जाते हैं. तब उनकी दखलअंदाजी बच्चों को बर्दाश्त नहीं होती. प्रतिवर्ष 1200 से अधिक मामले विवाह विच्छेद के अदालतों तक पहुंचते हैं. कई चरणों के काउंसलिंग के बाद भी 650 से अधिक मामलों में तलाक होकर रहता है.
इससे पहले महापौर नीरज पाल ने कहा कि पहले उनके पास केवल एक सेक्टर था. पर पार्टी ने उन्हें पूरे शहर की जिम्मेदारी सौंप दी. सेक्टर-5 में जहां केवल 2200 मकान थे वहीं शहर में एक लाख 30 हजार मकान हैं. शहर को सुन्दर, स्वच्छ और स्वास्थ्य अनुकूल बनाए रखने के लिए सभी शहरवासियों को आगे आना होगा. उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अपनी शिकायतों और सुझावों को नगर निगम तक या सीधे उनतक (महापौर तक) पहुंचा सकते हैं. इसपर काम करने की जिम्मेदारी वे स्वीकार करते हैं.
उद्योगपति एवं फिटनेस मोटिवेटर मनीष गुप्ता ने मां शारदा ट्रस्ट को उसके अच्छे कार्यों के लिए बधाई देते हुए उसकी निरंतर प्रगति की कामना की. पूर्व महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव की पत्नी डॉ श्रुतिका यादव ने यहां आकर उन्हें पता लगा कि ट्रस्ट कितना बड़ा काम कर रहा है. स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ संगीता सिन्हा ने ट्रस्ट के मेडिकल कैम्प में सहयोग करने का वायदा किया.
इससे पूर्व ट्रस्ट प्रमुख डॉ संतोष राय ने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चंद लोगों के साथ शुरू हुआ यह ट्रस्ट आज 100 से अधिक सदस्यों के साथ काफी मजबूत है. ट्रस्ट ने कुम्हारी में जमीन ली है जिसपर स्कूल का निर्माण चल रहा है. 2025 में यह अस्तित्व में आ जाएगा जहां पहली से चौथी तक के बच्चों को संस्कारों के साथ शिक्षा दी जाएगी. स्कूल में गौशाला भी होगी. उन्होंने ट्रस्ट के युवा सदस्यों के बारे में भी बताया कि किस तरह वे स्वयं के साधनों से गांव-गांव में जाकर लोगों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने संस्था द्वारा चलाए जा रहे लिबास प्रकल्प के बारे में भी विस्तार से बताया. साथ ही बालिका शिक्षा में ट्रस्ट की भूमिका को भी रेखांकित किया.
इस अवसर पर अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. इनमें डॉ मैत्रेयी माथुर, डाॅ. मोनिका सेठी शर्मा, डाॅ. यशा उपेन्द्र, डाॅ. अनिता सावंत, डाॅ. संगीता सिन्हा, विशाखा रस्तोगी, डाॅ. मानसी गुलाटी, डाॅ. सोनाली चक्रवर्ती, डाॅ. सुजाता दास, सीएमए पूर्णिमा गोयल, मलय जैन, फरीदा बेगम, शानू मोहनन, शशिप्रभा गुप्ता, अंजू साहू, गुंजा तिवारी, दीलिमा मजुमदार, डाॅ. आभा शशिकुमार, प्रज्ञा सिंह, के शारदा, डाॅ. अंजना श्रीवास्तव, जागृति केतन दोशी, मीनाक्षी राय, निधि चंद्राकार, सीमा ओसवाल, कोमल धनेसर, डाॅ. अंजली सिंह, सरिता पाण्डे, डाॅ. सुरेखा जावड़े एवं जया पाण्डे शामिल थीं.
इस अवसर पर एसएसबी के डीआईजी थाॅमस चाको, उद्योगपति सतीश झाम्ब, डॉ मिट्ठू, डॉ श्रीलेखा विरुलकर, रौनक जमाल, बिपिन बंसल, गौरी गुहा सपना श्रीवास्तव, केतन ठक्कर, प्रवीण बाफना, सहित ट्रस्ट के सभी सदस्य मौजूद थे.