भिलाई। पेट में एकाएक शुरू होने वाला दर्द आपको काफी परेशान कर सकता है. आम तौर पर पेट दर्द कुछ समय बाद ठीक हो जाता है पर यदि यह नाभी के आसपास से शुरू हो और फिर पेट के दाहिने निचले हिस्से की ओर चला जाए तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. यदि यह अपेंडीसाइटिस Appendicitis है तो इसकी तत्काल सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है. अन्यथा रोग विकराल रूप धारण कर सकता है.
यह कहना है हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल Hitek Hospital के गैस्ट्रोसर्जन डॉ नवील कुमार शर्मा का. उन्होंने बताया कि अपेंडिक्स बड़ी आंत के आरंभ में पाई जाने वाले एक छोटी उंगली जैसी संरचना है. संक्रमण होने पर यह सूज सकता है, इसमें पस बन सकता है और यह फट भी सकता है. रोग पुराना होने या अपेंडिक्स के फट जाने पर बड़े आपरेशन की जरूरत पड़ती है और जोखिम भी ज्यादा होता है. हाइटेक हॉस्पिटल में भी अनेक ऐसे रोगियों की सर्जरी उन्होंने की है जिनका अपेंडिक्स बर्स्ट हो गया था. एक ऐसी ही रोगी के पेट से एक लिटर से अधिक मवाद निकालना पड़ा था.
उन्होंने कहा कि कई बार दर्द होने पर लोग शामक औषधियों का सेवन कर लेते हैं. पर इससे दर्द पूरी तरह जाता नहीं है. कई बार ऐसा होता है कि दर्द में एकाएक आराम हो जाता है. पर ऐसा अकसर तब होता है जब अपेंडिक्स फट जाए. इसके बाद रोग दूसरे रूप में सामने आता है. अपेंडिक्स के फट जाने पर पूरा स्थान संक्रमित हो जाता है. न केवल सर्जरी बड़ी हो जाती है बल्कि संक्रमण के फैलने के कारण इलाज भी लंबा और महंगा हो जाता है.
डॉ नवील शर्मा ने कहा कि पेट दर्द के मामलों में शंका होने पर डाक्टर अल्ट्रासाउंट या किसी भी प्रकार की इमेजिंग के लिए कह सकता है. कन्फर्म होने पर तत्काल सर्जरी कर संक्रमित अपेंडिक्स को निकाल देना ही इसका सर्वोत्तम इलाज है. कई बार दर्द से कुछ समय के लिए राहत मिल जाती है पर रोग भीतर ही भीतर बढ़ता चला जाता है.
अपेंडिक्स के लक्षणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पेट में एकाएक शुरू हुआ दर्द यदि नाभि के आसपास केन्द्रित हो या पेट के दाहिने निचले हिस्से में हो तो यह अपेंडिसाइटिस हो सकता है. इसके अलावा उलटी, मितली, बुखार, भूख कम लगना आदि भी इसके लक्षण हो सकते हैं. 15 से 30 वर्ष की उम्र के बच्चों में ही यह समस्या अधिक पाई जाती है. दिलचस्प यह भी है कि जिन देशों के खानपान में पर्याप्त फाइबर होते हैं वहां इसकी समस्या कम देखी गई है.
इलाज : अपेंडिसाइटिस का सबसे सामान्य इलाज अपेंडेक्टोमी है जिसमें रोगी अपेंडिक्स को निकाल दिया जाता है. इसकी सर्जरी चीरा लगाकर भी की जा सकती है औऱ दूरबीन पद्धति Laparoscopy से भी. दूरबीन पद्धति से आपरेशन करने पर रोगी दूसरे या तीसरे दिन घर जा सकता है. जबकि चीरा लगाने पर हॉस्पिटल स्टे Hospital Stay ज्यादा होता है.