भिलाई। देश में राजनीति के चरित्र को बदलने के लिए एक अभियान शुरू हो गया है. किसी भी तरह के तुष्टिकरण से परे यह अभियान प्रत्येक सनातनी स्त्री-पुरुष एवं बच्चे को पूर्ण बराबरी के अधिकार के साथ आगे बढ़ने का रास्ता देगा. इस समूह का उद्देश्य सनातन सभ्यता को भीतरी और बाहरी, दोनों तरह के आक्रमण से सुरक्षा प्रदान करना है. संडेकैम्पस.कॉम से चर्चा करते हुए डॉ नवील शर्मा ने बताया कि इस अभियान को एकम सनातन भारत का नाम दिया गया है.
डॉ शर्मा ने बताया कि यह एक राजनैतिक दल है. इसकी शुरुआत 27 मार्च 2023 को जम्मू से हुई. जम्मू में सक्रिय ‘इकजुट्ट जम्मू पार्टी’ के स्थानीय स्वरूप को समाप्त कर इसे अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान किया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट अंकुर शर्मा के हवाले से उन्होंने बताया कि पार्टी ने अपने ‘सप्त-सिद्धांत’ की घोषणा की है. इन्हीं मूल्यों को लेकर पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगी.
‘एकम् सनातन भारत’ का उद्देश्य सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण करते हुए सनातन समाज, मंदिर एवं गौवंश की सुरक्षा करना है. दल राजनीतिक दलों के हिन्दू विरोधी क्रिया कलापों को उजागर करने के साथ ही उनका प्रतिरोध भी करेगा. पार्टी देश के सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों के संरक्षण एवं संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करेगी. देशवासियों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखते हुए देश के समग्र विकास की दिशा में काम करेगी. जल्द ही इसका विस्तार सभी प्रदेशों में किया जाएगा.
पार्टी का पहला संकल्प है अल्पसंख्यकों को परिभाषित करना. इसमें धार्मिक, भाषाई आधार पर 5% से कम संख्या वालों को रखा जाएगा. दूसरा संकल्प मंदिरों एवं मठों पर से सरकारी नियंत्रण को खत्म करना है. साथ ही प्राचीन सूर्य मंदिर, कश्मीर में मार्तण्ड मंदिर, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि तथा वाराणसी के ज्ञान वापी तीर्थ क्षेत्र के पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना है. तीसरी संकल्प हिन्दू बहुल जम्मू को कश्मीर से अलग करना तथा कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना है. चौथा संकल्प गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध के साथ ही गौमाता, मां गंगा एवं श्रीराम सेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करना है. पांचवा संकल्प वक्फ एक्ट, पूजा स्थल अधिनियम-1991 और सच्चर कमिटी की सिफारिशों को तत्काल समाप्त करने का है. छठवां संकल्प जनसांख्यिकी के परिवर्तन पर विराम लगाते हुए इसे विपरीत दिशा में मोड़ना शामिल है. सातवां संकल्प इतिहास, संस्कृति, आध्यात्म, स्थानीय भाषा एवं पर्यावरणीय चेतना के साथ समग्रह सतत् विकास की राह पर चलना है.