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“सदाबहार रफी” से ट्रिपल-एम की धमाकेदार वापसी, मिला ओए का साथ

Aug 8, 2023
Triple M comes to life with Sadabahar Life

भिलाई। संगीत के क्षेत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र की ध्वजवाहक रही मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स (ट्रिपल एम) ने बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन के सान्निध्य में धमाकेदार वापसी की है. रविवार को प्रगति भवन (ओए बिल्डिंग) में आयोजित संगीत संध्या में ट्रिपल-एम के कलाकारों ने ऐसा समा बांधा कि न केवल सभागार खचाखच भरा रहा बल्कि लोग बाहर बैठकर भी कार्यक्रम का आनंद लेते रहे. ढाई घंटे से भी अधिक चले कार्यक्रम के बाद भी लोग और गीतों की मांग करते रहे.
उल्लेखनीय है कि मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स की स्थापना भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से की गई थी. यह एक इंडो रशियन कल्चरल ग्रुप था जिसने देश भर में अपने कार्यक्रम दिए थे. समूह के संयोजक एवं अध्यक्ष ज्ञान चतुर्वेदी ने एक बार फिर इस समूह को जोड़ने की कोशिशें लगभग एक साल पहले प्रारंभ की थी. समूह का यह पहला बड़ा आयोजन था जिसे अमली जामा पहनाने में भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑफिसर्स एसोसिएशन, विशेषकर ओए अध्यक्ष नरेन्द्र बंछोर की विशेष भूमिका रही. एक तरह से यह समूह की मंच पर वापसी थी जिसे सुधी श्रोताओं ने धमाकेदार बना दिया. आयोजन एवं प्रस्तुतियां की सभी ने मुक्तकंठ से सराहना की तथा फनकारों को खूब दाद भी दिया.


मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने इस अवसर पर कहा कि गीत-संगीत की दुनिया एक ऐसा सागर है जिसमें डूबकर हम अपने दुःख, दर्द, शोक और संताप को भुला सकते हैं. बीएसपी के अधिकारियों के इस भवन में आज ट्रिपल-एम ने गीत-संगीत का ऐसा ही समा बांधा है. वे स्वयं भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल मिल में 20 साल तक सेवाएं देते रहे हैं और भिलाई से मिले स्नेह, प्यार और समर्थन की बदौलत ही लोकसभा तक पहुंचे हैं. संसाद के अपने पहले भाषण में भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि ट्रिपल-एम के फनकारों ने ऐसा समा बांधा है जो किसी भी आर्केस्ट्रा से बेहतर प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि भारतीय फनकारों की आवाज पूरी दुनिया में गूंजती है. उन्होंने “तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं” की खूबसूरत प्रस्तुति भी दी.


कार्यक्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन पवन कुमार, सेफी के चेयरमैन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र बंछोर, बीएसपी के पूर्व प्रबंध निदेशक विनोद अरोरा, स्मृति गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्ष राजीव चौबे, प्रख्यात बाल साहित्यकार गोविन्द पाल, आर्टकॉम के निर्देशक एवं “हर आंगन एक पेड़” के संयोजक निशु पाण्डेय, चित्रगुप्त संगीत समिति के अध्यक्ष मुकेश भटनागर, सचिव प्रशांत श्रीवास्तव, कला साहित्य मित्र समूह एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति के सदस्यों के अलावा भिलाई इस्पात संयंत्र के अफसर बड़ी संख्या में उपस्थित थे. सुधि श्रोताओं में यू एस तिवारी, श्रीमती स्वाति, डाॅ आनंद देशपांडे, आरके श्रीवास्तव, भिलाई में सायकल पोलो के संस्थापक, वीआर चन्नावर, डाॅ घोष, संजय दुबे, श्री रघुवंशी, भिलाई महिला समाज से रजनी बलैया, स्वयंसिद्धा समूह से डॉ अलका दास की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.


मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध गायक ज्ञान चतुर्वेदी, राजबीर सरन दास, डॉ रुचिर भटनागर, सुमिता सरकार, अलका शर्मा, शिखा मोइत्रा, संजय मोरे, राजेंद्र जोगलेकर, सतीश जैन, वैंकट सुब्रमण्यन के साथ ही उभरते कलाकार दीपक रंजन दास, भागवत टावरी एवं अतिथि कलाकार एस के सहाय तथा गरिमा सिन्हा ने अपने गायन से प्रभावित किया.
आयोजन में सतीश जैन एवं संडे कैंपस के संचालक एवं वरिष्ठ पत्रकार दीपक रंजन दास का विशेष सहयोग रहा. मंच से ट्रिपल-एम के पूर्व सचिव राजीव भटनागर का संदेश का वाचन किया गया. कार्यक्रम का कुशल संचालन सतीश जैन ने किया.


मशहूर पार्श्व गायक मोहम्मद रफी साहब की याद में आयोजित इस संगीत संध्या में ट्रिपल एम के फनकारों ने ऐसी प्रस्तुतियां दीं कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सभागार में जमे रहे. इन गीतों में तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, तू गंगा की मौज मैं, नाजा कहीं अब न जा, मैं कहीं कवि न बन जाऊं, लिखे जो खत तुझे, तेरी आंखों के सिवा, गर तुम भुला न दोगे, अकेले हैं चले आओ, क्या से क्या हो गया, तुमने मुझे देखा, सौ बार जनम लेंगे, तुम्हारे प्यार में हम, रिमझिम के गीत सावन गाए, नैन लड़ जईहें, ये आंखें उफ यूं मां, दीवाना हुआ बादल, बेखुदी में सनम, ये दिल तुम बिन कहीं, हे नाम रे, अकेले 2 कहां जा रहे हो, रात के हमसफ़र आदि 25 गीत शामिल थे.

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