भिलाई। 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्मृति गृह निर्माण सहकारी समिति ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संगीत संध्या का आयोजन किया. विवेकानंद सभागार में आयोजित इस समारोह में मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स के मंजे हुए कलाकारों ने देशभक्ति गीतों से समां बांध दिया. लगभग तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम में पूरा हॉल खचाखच भरा रहा. सुधि श्रोताओं ने गायकों पर भरपूर स्नेह लुटाया. आखिरी प्रस्तुति पर तो कलाकार और श्रोता एक साथ नृत्य करने लगे.
इस कार्यक्रम में सबकुछ परफेक्ट रहा. मन तड़पत हरि दर्शन को आज… के साथ ट्रिपल एम के संयोजक ज्ञान चतुर्वेदी ने गीतों की लंबी श्रृंखला का आगाज किया. भाव विह्वल करने वाली इस प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया. अंतिम गीत – ओ हसीना जुल्फों वाली… भी ज्ञान चतुर्वेदी ने ट्रिपल एम की संस्थापक सदस्य शिखा मोइत्रा के साथ प्रस्तुत किया जिसपर श्रोताओं के साथ ही ट्रिपल-एम के कलाकार भी थिरकने लगे. स्मृति गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष राजीव चौबे इस अवसर पर परफेक्ट होस्ट बने रहे. सोसायटी के एक एक व्यक्ति को गेट पर रिसीव करने के साथ ही उसे कुर्सी तक पहुंचाने और तालियों के साथ गायकों का हौसला बढ़ाने का उनका अंदाज ट्रिपल-एम को अभिभूत कर गया.
कार्यक्रम में कालजयी देशभक्ति गीतों के साथ ही सुपर हिट गीतों की भी सुमधुर प्रस्तुतियां दी गईं. इनमें शिखा मोइत्रा द्वारा देश रंगीला रंगीला एवं वो भूली दास्तां, ट्रिपल एम की स्टार सिंगर अलका शर्मा द्वारा ऐ मेरे वतन के लोगों एवं मुझे तुम मिल गए हमदम, जीएमएस नायडू द्वारा ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली ज्ञान चतुर्वेदी द्वारा तू गंगा की मौज मैं यमुना की धारा, अजय लोंधे द्वारा ये देश है वीर जवानों का तथा आज से पहले आज से ज्यादा, सतीश जैन द्वारा कर चले हम फिदा जानो तन साथियों…, भागवत टावरी द्वारा पुकारता चला हूँ मैं एवं किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, दीपक रंजन दास द्वारा ऐ मेरे प्यारे वतन, श्याम शेखर द्वारा चलते चलते मेरे ये गीत एवं है प्रीत जहां की रीत सदा, अंजना नवीन द्वारा आंखों से जो उतरी है दिल में… आदि गीतों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी गईं. इसके अलावा कुछ युगल गीतों की भी प्रस्तुतियां दी गईं जिसमें गरिमा सिन्हा एवं शेखर द्वारा रोज-रोज आंखों तले, दीपक रंजन दास एवं अंजना द्वारा जब दीप जले आना, अजय एवं अलका द्वारा तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई, आदि प्रमुख हैं. स्थानीय बाशिदों ने भी इस अवसर पर अपनी प्रस्तुतियां हीं. इनमें मनीषा चौधरी, गौतम मोइत्रा प्रमुख थे.
स्मृति नगर के सभागार में मिले इस प्यार पर ट्रिपल-एम के प्रमुख ज्ञान चतुर्वेदी ने इसे अविस्मरणीय बताया. आरंभ में स्मृति नगर समिति के अध्यक्ष राजीव चौबे ने कहा कि भारतीय सिनेमा के 50 से 70 के दशक के बीच के गीतों ने वह मजबूत नींव रखी जिसपर आज का संगीत आगे बढ़ रहा है. उस दौर ने मो. रफी, मुकेश माथुर, किशोर कुमार, मन्ना डे, हेमंत कुमार जैसे कालजयी गायक दिये. उस दौर के गीत और संगीत आज भी लोगों के दिलों में पुरानी यादों को ताजा कर जाते हैं. कार्यक्रम का कुशल संचालन ट्रिपल एम के सतीश जैन एवं दीपक रंजन दास ने संयुक्त रूप से किया.