भिलाई। पेट दर्द के कारण का सटीक पता लगाना कितना जरूरी होता है, मरीज को एक किडनी गंवाने के बाद इसका पता चला. उसे पिछले कुछ महीनों से रह-रहकर पेट में दर्द होता था. स्थानीय डाक्टर को दिखाकर वह दर्द निवारक औषधियां लेता रहा. इससे कुछ समय तक आराम रहता पर दर्द लौट आता था. तब जाकर डाक्टर ने उसे सोनोग्राफी कराने की सलाह दी. सोनोग्राफी में एक किडनी को अत्यधिक सूजा हुआ पाया गया. इसके बाद मरीज आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी अस्पताल पहुंचा.
यूरोलॉजिस्ट डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि दरअसल, मरीज को यूरेटर में सिकुड़न की शिकायत थी. पहले तो वह इसका घरेलू इलाज करता रहा पर जब दर्द ज्यादा हुआ तो उसने स्थानीय चिकित्सक को दिखाया. उन्होंने पहले दर्द निवारक औषधियां दीं पर इसका भी स्थायी लाभ नहीं हुआ. फिर मरीज की सोनोग्राफी करवाई गई जिसमें उसकी किडनी में सूजन दिखाई दिया. तब कहीं जाकर उसे हायर सेंटर रिफर किया गया.
डॉ दारूका ने बताया कि किडनी से मूत्र का विसर्जन यूरेटरों (मूत्रवाहिका) के द्वारा होता है जो उसे ब्लैडर तक पहुंचाते हैं. कभी-कभी यूरेटर का वह सिरा सिकुड़ जाता है जो किडनी से जुड़ा होता है. समय पर कारण पता लगने पर उसे खोला जा सकता है. पर इस मरीज के मामले में उसकी किडनी नष्ट हो चुकी थी. अब यूरेटर को खोलने का कोई लाभ उसे नहीं मिलता. लिहाजा नष्ट किडनी को दूरबीन पद्धति से ही सर्जरी कर निकाल देना पड़ा.
मरीज ने बताया कि सर्जरी के दो दिन बाद ही वह चलने फिरने लगा है. अब तकलीफ बिल्कुल नहीं है. काश! उसे पेट दर्द की समस्या को गंभीरता से लिया होता और किसी अस्पताल में अपनी जांच करवाई होती. ऐसा करने पर उसे अपनी एक किडनी को गंवाने की नौबत नहीं आती.