भिलाई. एमजे कालेज के शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों ने कबीरधाम जिले का शैक्षणिक भ्रमण किया. महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस भ्रमण योजना के तहत बच्चों ने सरोधा जलाशय एवं भोरमदेव के प्राचीन शिव मंदिर का अवलोकन कर इन स्थलों के विषय में जानकारियां प्राप्त की.
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन में आयोजित इस भ्रमण कार्यक्रम में 60 से अधिक विद्यार्थियों का यह जत्था सुबह 8:30 बजे महाविद्यालय से रवाना हुआ. दल को शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने शुभकामनाओं के साथ रवाना किया. महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी शकुन्तला जलकारे एवं एनएसएस दलनायक दीपेश जोशी के नेतृत्व में यह दल रवाना हुआ.
दल सीधे कबीरधाम जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित भोरमदेव मंदिर पहुंचा. लगभग एक हजार साल पुराने इन मंदिरों में ईंट से बना सबसे पुराना मंदिर अब बेहद जीर्णशीर्ण अवस्था में है. मुख्य शिवालय पत्थरों से बना है. नागरा शैली में बने इस मंदिर को फनी नागवंशी शासक राजा गोपाल देव ने बनवाया था. इसपर उकेरी गई कलाकृतियां अब भी बहुत अच्छी हालत में हैं. इस मंदिर के छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है. इसीसे लगकर हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर है. यहां हनुमानजी नृत्य मुद्रा में हैं. उनकी दाहिनी हथेली पर शिवलिंग की दुर्लभ आकृति है. कहा जाता है कि यहां मांगी गई मन्नतें अवश्य पूर्ण होती हैं.
इसके बाद दल सरोधा जलाशय पहुंचा. यह जलाशय कवर्धा शहर से 8 किलोमीटर दूर सरोधा नामक ग्राम में स्थित है. इसका निर्माण वर्ष 1963 में किया गया था. यह जलाशय उतानी नाला को बांधकर बनाया गया है. यहां से सूर्यास्त का नजारा बेहद खूबसूरत होता है. इसे देखने के लिए यहां सनसेट पाइंट का निर्माण किया गया है. बच्चों एवं शिक्षकों ने यहां खड़े होकर यहां की प्राकृतिक छटा का वृहंगावलोकन किया. रात 9 बजे यह दल सकुशल महाविद्यालय लौट आया.