भिलाई। क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में “सोलर एनर्जी – पावर, हीट, वाटर और कूलिंग का उपयोग करके पॉली-जनरेशन मेथड्स” पर एक्सपर्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट) के कोऑडिर्नेटर सेल के तहत प्रायोजित किया गया था। व्याख्यान का उद्देश्य छात्रों को सौर ऊर्जा की क्षमता, इसके फायदे, पर्यावरण के साथ तालमेल और इसके अनुप्रयोगों के साथ-साथ सौर ऊर्जा से संबंधित नए और नवीन उत्पाद विकास कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करके उद्यमशीलता विकसित करने के लिए एक अंतर्दृष्टि प्रदान करना था।अपने व्याख्यान में डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. टी. श्रीनिवास द्वारा ने बताया कि कैसे तकनीकी प्रगति ग्राहक की जरूरतों पर निर्भर है और उनकी समस्याओं का समाधान खोज रही है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग का मूल मंत्र है समस्या को हल करना और मानव जाति की समस्याओं का अभिनव और किफायती समाधान खोजकर जीवन को आसान बनाना। इस बात पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया कि स्वच्छ सौर ऊर्जा संसाधन का उपयोग जल अलवणीकरण और एयर कंडीशनिंग में कैसे किया जा सकता है।
उन्होंने ह्यूमिडिफायर-डीह्यूमिडिफायर तकनीक और इस क्षेत्र में उनके द्वारा की गई विभिन्न परियोजनाओं का उपयोग करते हुए पानी के अलवणीकरण संयंत्र और एयर-कंडीशनिंग प्रणाली के डिजाइन पर एक सिंहावलोकन दिया। उन्होंने छात्रों को नवीन रूप से सोचने और उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
लेक्चर का आयोजन सीसीईटी के आर एंड डी सेल द्वारा किया गया था। इसमें सभी सेमेस्टर के छात्रों, विभागों के प्रमुखों और अन्य सदस्यों ने भाग लिया था। सीसीईटी में सीकॉस्ट की समन्वयक डॉ संध्या पिल्लै ने सेल की गतिविधियों पर रिपोर्ट दी। व्याख्यान में डॉ. मनमोहन सोनी, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी द्वारा वक्ता के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया गया था। लेक्चर धन्यवाद और स्मृति चिन्ह की प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ। फादर जॉर्ज सी. वर्गीज, कायर्कारी उपाध्यक्ष और सीसीईटी की प्रिंसिपल डॉ. दीपाली सोरेन ने आयोजन के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।